बिलासपुर। छत्तीसगढ़ इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (सिम्स), बिलासपुर में तंबाकू और गुटखा के दुष्प्रभावों को रोकने के लिए कोटपा एक्ट के तहत कड़े कदम उठाए जा रहे हैं। सिम्स में नशा मुक्ति केंद्र के साथ-साथ अब तंबाकू-गुटखा खाकर अस्पताल परिसर में प्रवेश करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। नए नियमों के तहत, पान-गुटखा खाते हुए पाए जाने पर 500 रुपये और थूकते हुए पकड़े जाने पर 1100 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।
सिम्स में स्वच्छता और बदलाव
पिछले एक साल में सिम्स के अस्पताल परिसर में उल्लेखनीय बदलाव देखने को मिले हैं। परिसर अब बदबू रहित हो चुका है, और दीवारों पर पान-गुटखा के दाग नहीं दिखते। बेहतर सफाई व्यवस्था के साथ मरीजों को भी उन्नत इलाज मिल रहा है। स्वच्छता बनाए रखने के लिए अब पान-गुटखा खाकर प्रवेश करने वालों और थूकने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
2030 तक तंबाकू मुक्त छत्तीसगढ़ का लक्ष्य
तंबाकू और गुटखा के सेवन से कैंसर सहित कई गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है। इसे देखते हुए छत्तीसगढ़ को 2030 तक तंबाकू मुक्त राज्य बनाने का लक्ष्य रखा गया है। कोटपा एक्ट के तहत सार्वजनिक स्थानों पर तंबाकू उत्पादों की बिक्री और सेवन पर रोक लगाई गई है, और उल्लंघन करने वालों पर जुर्माना लगाया जा रहा है।
जागरूकता के लिए बैनर-पोस्टर
सिम्स में लोगों को जागरूक करने के लिए परिसर में बैनर और पोस्टर लगाए जा रहे हैं, जिनमें तंबाकू, गुटखा, बीड़ी, सिगरेट और गुड़ाखू के दुष्प्रभावों के बारे में जानकारी दी जा रही है। साथ ही, इन्हें छोड़ने के फायदों और जुर्माने की जानकारी भी दी जा रही है। सिम्स के दंत रोग विभाग के डॉ. भूपेंद्र कश्यप ने बताया कि तंबाकू के सेवन से गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो रही हैं, इसलिए इसका उपयोग रोकना आवश्यक है।
Editor – Niraj Jaiswal
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