लेपरा में ग्रामीणों का अनोखा प्रयास: क्षतिग्रस्त सड़क सुधारने के लिए श्रमदान, मानसून से पहले राहत की उम्मीद

कोरबा। पौड़ी उपरोड़ा विकासखंड के लेपरा क्षेत्र में पिछले मानसून के दौरान क्षतिग्रस्त हुई प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क का एक किलोमीटर हिस्सा अभी तक ठीक नहीं हो सका है, जिससे स्थानीय लोगों का आवागमन बाधित है। आगामी मानसून को देखते हुए ग्रामीणों ने स्वयं पहल करते हुए श्रमदान शुरू किया है, ताकि तान नदी का पानी खेतों को नुकसान न पहुंचाए और बारिश में भी आवागमन संभव हो सके।

पिछली बारिश में सड़क क्षतिग्रस्त होने के बाद जिला प्रशासन ने इसे मानसून से पहले सुधारने का वादा किया था, लेकिन यह पूरा नहीं हो सका। अब 2025 का मानसून नजदीक होने के कारण ग्रामीण चिंतित हैं। उन्होंने सामूहिक रूप से श्रमदान कर सड़क को दुरुस्त करने और नदी के पानी से खेतों की सुरक्षा के लिए उपाय शुरू किए हैं।

ग्रामीणों का कहना है कि सरकारी तंत्र में गंभीरता दिखी, लेकिन व्यावहारिक रूप से काम नहीं हो सका। वे इसे अपने प्रयासों से सुधारने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि बारिश में भी आवागमन संभव हो।

प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना (पीएमजीएसवाय) के कार्यकारी अभियंता संतोष नाग ने बताया कि बारिश से पहले सड़क सुधार का लक्ष्य था, लेकिन यह संभव नहीं हो सका।

उन्होंने कहा, “नदी के तीन मीटर नीचे से काम करना होगा, ताकि सड़क को टिकाऊ बनाया जा सके। बारिश के बाद, यानी अक्टूबर में यह काम शुरू होगा। फिलहाल रेत से भरी बोरियां मौके पर डालने के निर्देश दिए गए हैं।”

ग्रामीणों का यह प्रयास न केवल उनकी एकजुटता को दर्शाता है, बल्कि अन्य क्षेत्रों के लिए भी प्रेरणा बन सकता है। यदि यह पहल सफल रही, तो यह लेपरा के लिए एक चमत्कार से कम नहीं होगा।