कोरबा। साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल) की खदानों के बाहरी इलाकों में कोयला चोरी की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। हाल ही में गेवरा-दीपका खदान की सीमा में कोयला चोरी के दौरान दो युवकों की मौत और एक के घायल होने की घटना के बावजूद न तो ग्रामीणों ने सबक लिया है और न ही एसईसीएल प्रबंधन ने इस दिशा में गंभीरता दिखाई है।
इस घटना के अगले ही दिन कुसमुंडा परियोजना विस्तार के ग्राम बरकुटा पाली में मुक्तिधाम के पास खदान क्षेत्र में जोखिम भरा अवैध खनन का नजारा देखने को मिला।
बारिश के बीच ग्रामीण खोह नुमा स्थान पर कोयला निकाल रहे थे, जहां ऊपर से पानी का बहाव भी था। एक समाचार सहयोगी ने इस खतरनाक गतिविधि का वीडियो रिकॉर्ड किया, जिसमें साफ दिखा कि लोग अपनी जान जोखिम में डालकर कोयला चोरी कर रहे हैं।
यह स्पष्ट है कि खदान क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह विफल हो चुकी है। चाहे कोयला चोरी व्यक्तिगत जरूरतों के लिए हो या अवैध रूप से बिक्री के लिए, यह गतिविधि न केवल गैरकानूनी है, बल्कि जानलेवा भी साबित हो रही है।
विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसी परिस्थितियों में छोटे-बड़े हादसे कभी भी हो सकते हैं। ग्रामीणों और प्रबंधन से सतर्कता और कठोर कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि ऐसी घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सके।
Editor – Niraj Jaiswal
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