चेतावनी : समाधान नहीं निकला तो और उग्र आंदोलन
कोरबा। एनटीपीसी के कार्यपालकों की पदोन्नति से जुड़ी नई नीति ने संगठन में खलबली मचा दी है। 8 मई को जारी की गई प्रमोशन पॉलिसी में पदोन्नति की पात्रता अवधि को एक साल बढ़ा दिया गया है, जिससे युवा अधिकारियों का करियर ग्रोथ और आर्थिक लाभ दोनों प्रभावित हो रहे हैं।
अब तक तीन साल में पदोन्नति के योग्य माने जाने वाले अधिकारी अब चार साल बाद ही अगले पद के लिए पात्र माने जाएंगे। इससे नाराज़ अधिकारियों ने एनटीपीसी एक्जीक्यूटिव फेडरेशन ऑफ इंडिया (नेफि) के नेतृत्व में प्रबंधन को कड़ा विरोध जताते हुए चरणबद्ध आंदोलन शुरू कर दिया है।
नाराज अधिकारियों ने कोरबा परियोजना में भी 17 मई से आंदोलन शुरू कर दिया। चौथे चरण के अंतर्गत 22 में से वर्क टू रूल के तहत काम किया जा रहा है। नई पॉलिसी से सबसे ज्यादा नुकसान उन अधिकारियों को हो रहा है जो नींव की तरह कंपनी को मजबूत बनाए हुए हैं।
पदोन्नति में देरी का सीधा असर उनकी कार्य प्रेरणा और भविष्य की संभावनाओं पर पड़ेगा। इससे कंपनी के शीर्ष पदों तक अपने अधिकारियों का पहुंचना भी लगभग असंभव हो जाएगा, जिससे नेतृत्व बाहरी लोगों के हाथों में जा सकता है।
नेफि के अधिकारियों ने प्रबंधन से समाधान निकालने की कोशिश की, लेकिन कोई सकारात्मक परिणाम न निकलने पर आंदोलन की राह पकड़ ली। यदि मांगें नहीं मानी गईं, तो आंदोलन को और भी तेज़ और व्यापक करने की चेतावनी दी गई है।
Editor – Niraj Jaiswal
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