लंबे समय तक झेली पत्नी ने यातना, अब पति के साथ रहने राजी

लोक अदालत में हुआ समझौता

कोरबा। लंबे समय तक घरेलू हिंसा की शिकार एक महिला ने प्रताडऩा झेलने के बाद पति से छुटकारा  पाने और भरण-पोषण के लिए फैमिली कोर्ट का सहारा लिया। यह मामला काफी समय के बाद नेशनल लोक अदालत तक पहुंचा। यहां दोनों पक्षों को समझाइश मिली। जिस पर पति-पत्नी ने पुरानी कड़वाहट और शिकायत भुलाते हुए साथ रहना स्वीकार किया।


महिला का विवाह 3.05.2022 को हिन्दू रीति-रिवाज से संपन्न हुआ था, विवाह के कुछ दिन तक पति के साथ ठीकठाक संबंध रहे। लेकिन बाद में उसे प्रताडऩा दी जाने लगी। बाइक और रुपए लाने के लिए दबाव बनाया गया। इससे इनकार करने पर मारपीट शुरू हो गई। पत्नी ने यह सोचा कि कुछ दिन बाद पति का व्यवहार बदल जाएगा।

इसलिए वह प्रताडऩा सहती रही। लेकिन यह सोचना गलत साबित हुआ। बाद में पति ने उससे मारपीट की और फिर उसे निर्वासित कर दिया। इससे तंग आकर महिला के द्वारा धारा 144 भारतीय नागरिक सुरक्षा अधिनियम वास्ते भरण-पोषण के तहत कुटुम्ब न्यायालय कोरबा में आवेदन प्रस्तुत किया गया। जिसमें कई पेशी में लगातार खंडपीठ के समझाईश तथा प्रयासों से नेशनल लोक अदालत में यह मामला आया।

कहा गया कि दंपत्ति ने बिना किसी डर और दबाव के इस बार पर सहमति दी कि वे एक साथ रह सकते हैं। इसके अलावा और भी प्रकरण यहां पर निराकृत किए गए। 

नेशनल लोक अदालत में न्यायालय में कुल 439245 प्रकरण रखे गये थे, जिसमें न्यायालयों में लंबित प्रकरण 6144 एवं प्री-लिटिगेशन के 433101 प्रकरण थे। जिसमें राजस्व मामलों के प्रकरण, प्री-लिटिगेशन प्रकरण तथा न्यायालयों में लंबित प्रकरणों के कुल प्रकरणों सहित 147872 प्रकरणों का निराकरण नेशनल लोक अदालत में समझौते के आधार पर हुआ।

कोरबा में जिला स्तरीय नेशनल लोक अदालत का आयोजन संतोष शर्मा, प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोरबा के अध्यक्षता में शुभारंभ किया गया।

इस अवसर पर विभिन्न न्यायाधीशगण उपस्थित रहे। इनकी देखरेख में अनेक खण्डपीठों के द्वारा अपने यहां प्रस्तुत आवेदनों का परीक्षण करने के साथ निर्णय लिया गया।