निस्तारी पानी से अहिरन नदी में गंदगी, अब एसटीवी का भेजा प्रस्ताव

प्रदूषण को लेकर ठनी दो अफसरों की

कोरबा। कटघोरा शहर से निकलने वाले गंदे पानी ने अब शहरवासियों के साथ-साथ ग्रामीणों की भी नींद उड़ा दी है। कटघोरा शहर व आसपास के क्षेत्र के लोगों कि जीवनदायिनी अहिरन नदी में शहर का गंदा पानी बहकर नीचे के गांवों तक पहुंच रहा है। इस बीच सिचाई एवं जल संसाधन विभाग द्वारा जल संरक्षण के उद्देश्य से बनाए गए एनीकट ने हालात को और भी गंभीर बना दिया है। विभाग ने इसके लिए नगर पालिका को जिम्मेदार ठहराया है।


अहिरन नदी से लोगों की बड़ी जरूरत लंबे समय से पूरी होती रही है। कभी साफ  रही यह नदी अब बदबूदार नाले की तरह नजर आ रही है। गंदे पानी के जमाव के कारण पानी में सडऩ और कीटाणु पनपने लगे हैं, जिससे ग्रामीणों को भारी बदबू और स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

गर्मी के इस मौसम में लोग इस पानी का उपयोग न तो सिंचाई के लिए कर पा रहे हैं और न ही नहाने के लिए।

सिंचाई विभाग के अधिकारी कमलेश तिवारी ने बताया कि जल संवर्धन योजना के तहत इस नदी में एनीकट का निर्माण ग्राम डुडगा में किया गया है ताकि गर्मी के दिनों में सिंचाई के लिए पानी रोका जा सके। नदी में गंदगी के लिए नगर पालिका कटघोरा जिम्मेदार है।

दूसरी ओर नगर पालिका परिषद कटघोरा के सीएमओ ने गंदे पानी की समस्या के लिए एनीकट को जिम्मेदार बताया है।

ज्ञानकुंज कुलमित्र का कहना है कि पहले पानी बह जाता था, जिससे जाम नहीं होता था। अब चूंकि पानी रुका हुआ है, इस वजह से गंदगी बढ़ गई है। सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की मांग की गई है और इसके लिए प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है। जल्द ही निर्माण प्रक्रिया शुरू होगी, जिससे साफ पानी नदी में छोड़ा जा सकेगा।

इस मामले में तर्क दिया जा रहा है कि जल संसाधन विभाग के द्वारा गलत दिशा में अन्य कट का निर्माण कर दिया गया है  इस वजह से भी समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। दूसरी ओर अब नगर पालिका इस मामले में गंदे पानी की सफाई के लिए वाटर फिल्टर प्लांट की स्थापना पर जोर दे रही है जब तक इस इकाई का निर्माण नहीं हो जाता समस्या अपनी जगह पर कायम रहेगी।