कोरबा। भीषण गर्मी में कोरबा के लोग शीतल पेय पदार्थों का जमकर उपयोग कर रहे हैं, लेकिन इनमें इस्तेमाल होने वाली बर्फ की शुद्धता को लेकर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। कोल्डड्रिंक, गन्ना रस, मैंगो शेक और लस्सी जैसी दुकानों पर बर्फ का बड़े पैमाने पर उपयोग हो रहा है, लेकिन इसकी गुणवत्ता की कोई गारंटी नहीं है।
नियमों के अनुसार, शीतल पेय में केवल खाने योग्य बर्फ का उपयोग होना चाहिए, लेकिन इस आदेश का पालन नहीं हो रहा है। प्रशासन द्वारा इसकी जांच के लिए कोई= हर साल सैंपल लिए जाते हैं, लेकिन इस बार अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
गन्ना रस सेंटरों पर सुबह से रात तक बर्फ मिलाकर रस बेचा जा रहा है, जिसमें रस कम और बर्फ का पानी अधिक होता है। इससे न केवल मुनाफा बढ़ाया जा रहा है, बल्कि लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है।
डॉक्टरों का कहना है कि अशुद्ध बर्फ और अधिक गन्ना रस के सेवन से लोग बीमार पड़ सकते हैं। इसके अलावा, आम के जूस में सेकरीन मिलाकर उसे मीठा और सस्ता बनाया जा रहा है, जिसके दुष्परिणामों से लोग अनजान हैं।
भीड़ के कारण कई दुकानों पर गिलास की सफाई पर ध्यान नहीं दिया जाता और गंदे पानी में बार-बार गिलास धोए जा रहे हैं, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ रहा है।
लोगों की सेहत को देखते हुए प्रशासन से मांग की जा रही है कि शीतल पेय पदार्थों में बर्फ की गुणवत्ता और दुकानों की स्वच्छता की नियमित जांच की जाए, ताकि गर्मी में स्वास्थ्य जोखिम को कम किया जा सके।
Editor – Niraj Jaiswal
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