कोरबा निगम में 8 अरब 97 करोड़ 99 लाख का बजट पारित

निगम की सामान्य सभा में महापौर ने पेश किया बजट

कोरबा। महापौर श्रीमती संजूदेवी राजपूत द्वारा प्रस्तुत निगम का पुनरीक्षित बजट वर्ष 2024-25 एवं बजट वर्ष 2025-26 गुरुवार को निगम की साधारण सभा के दौरान सदन द्वारा बहुमत से अंगीकृत किया गया। निगम का यह बजट 08 अरब 97 करोड़ 99 लाख रूपये का बजट है। वहीं सदन में प्रस्तुत अन्य प्रस्ताव भी सर्वसम्मति व बहुमत के साथ पारित किए गए।


सभापति नूतनसिंह ठाकुर की अध्यक्षता व महापौर श्रीमती संजूदेवी राजपूत एवं आयुक्त आशुतोष पाण्डेय की उपस्थिति में निगम की साधारण सभा आयोजित हुई। महापौर श्रीमती राजपूत द्वारा नगर पालिक निगम कोरबा का पुनरीक्षित बजट वर्ष 2024-25 एवं बजट वर्ष 2025-26 सदन पटल पर रखा गया।

महापौर श्रीमती राजपूत ने अपना बजट अभिभाषण प्रस्तुत किया तथा प्रस्तुत बजट को जनकल्याणकारी, लोकहितैषी व खुशहाली का बजट निरूपित करते हुए बजट को सदन द्वारा सर्वसम्मति से अंगीकृत करने का आग्रह किया, बजट पर विस्तार से चर्चा हुई तथा अंत में बहुमत के आधार पर बजट को अंगीकृत किया गया।

वहीं इसी प्रकार एम.आई.सी.द्वारा पारित विभिन्न आर्थिक सहायता व पेंशन राशि प्रदान करने संबंधी प्रस्ताव का अनुमोदन भी सदन द्वारा सर्वसम्मति किया गया। वही वहीं स्व.केशवलाल मेहता स्मृति क्रिकेट प्रतियोगिता वर्ष 2025 के आयोजन हेतु आर्थिक सहयोग प्रदान करने संबंधी प्रस्ताव को भी सदन मे सर्वसम्मति से पारित किया।

निगम के विवेकानंद उद्यान (अप्पू गार्डन) में कैफेटेरिया के आबंटन के संबंध में प्रस्तुत प्रस्ताव भी सदन द्वारा सर्वसम्मति से पारित किया गया। वहीं विवेकानंद उद्यान (अप्पू गार्डन) के संचालन एवं संधारण संबंधी प्रस्ताव बहुमत के आधार पर पारित हुआ, कार्यसूची में शामिल मेयर इन काउंसिल द्वारा पारित वित्तीय प्रस्ताव को भी सूचनार्थ सदन के समक्ष रखा गया।

छत्तीसगढ़ नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 में निहित प्रावधानों के तहत 52 निर्वाचित पार्षदों द्वारा प्रस्तुत आवेदन पत्र को अतिरिक्त एजेंडे के रूप में शामिल करते हुए एजेंडे पर चर्चा की गई तथा इस एजेंडे में शामिल जैन एडवरटाईजर्स को निगम द्वारा दिए गए होर्डिंग लगाने संबंधी ठेके को निरस्त किए जाने संबंधी प्रस्ताव को सदन द्वारा सर्वसम्मति से अपनी स्वीकृति प्रदान की गई तथा उक्त कार्य का ठेका निरस्त करने की कार्यवाही किए जाने का निर्णय लिया गया।


एक्सीडेंटल सभापति कहने पर सदन में हंगामा
पहली ही सभा में हंगामा की स्थिति तब निर्मित हो गई जब अपने स्वागत अभिभाषण में भाजपा पार्षद और पूर्व सभापति अशोक चावलानी खड़े हुए। उन्होंने कई बातें रखी और मौजूदा सभापति के लिए एक्सीडेंटल शब्द का उपयोग किया। इस पर विपक्ष ने हंगामा काटा। उसकी मांग थी कि इस प्रकार के शब्दों के लिए माफी मांगी जाए, लेकिन इस पर हुआ कुछ नहीं।


उल्टे सत्ता पक्ष नरेंद्र देवांगन और अन्य पार्षदों ने कई विषय पर अपने तर्क दिए। अपने लिए एक्सीडेंटल शब्द कहे जाने पर उन्होंने संक्षिप्त में इतना कहा- एक्सीडेंटल सभापति होना भी सदन के लिए काफी लाभदायक साबित होगा। 


मीडिया के लिए दरवाजे खुले 10 साल बाद
भाजपा की वापसी के साथ नगर निगम में मीडिया के लिए दरवाजे खुल गए हैं। इसमें पूरे 10 साल का समय लगा। प्रथम तीन कार्यकाल में भाजपा के महापौर रहे तब सामान्य सभाओं में मीडिया को प्रवेश की अनुमति रही। बाद में कांग्रेस ने अपने कार्यकाल के इस व्यवस्था को बंद कर दिया था। इसे लेकर आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। अब जबकि भाजपा के महापौर बने हैं तब निगम की कार्यवाही को कवर करने के लिए मीडिया को एंट्री देना शुरू हुई है। भाजपा नेताओं ने कहा कि पारदर्शिता से काम होने चाहिए। इस दिशा में व्यवस्था है।


52 पार्षदों की आपत्ति, होर्डिंग बोर्ड विज्ञापन टेंडर निरस्त
नगर पालिका निगम की साधारण सभा के दौरान सार्वजनिक विज्ञापन से संबंधित एडवटाइर्ज एजेंसी के टेंडर आवेदन को निरस्त कर दिया गया। नगर निगम के पूर्व सभापति व पार्षद अशोक चावलानी 52 पार्षद ने इस पर विरोध किया। पार्षदों का कहना था कि राजनीतिक दल और सामाजिक संगठन को अपने कार्यों के लिए विज्ञापन की आवश्यकता होती है।

कॉन्ट्रैक्ट एजेंसी के संचालक द्वारा इस मामले में अनाप-शनाप रेट लिया जाता है और अभद्र व्यवहार किया जाता है। इसलिए उसके द्वारा विज्ञापन टेंडर के लिए जो आवेदन किया गया है उसे रद्द किया जाना चाहिए। पार्षदों की आपत्ति को ध्यान में रखते हुए साधारण सभा ने संबंधित आवेदक को निरस्त करने की स्वीकृति दी।

अनेक मौके पर कोरबा शहर के विभिन्न मार्गों पर विज्ञापन प्रदर्शित किए जाने को लेकर शिकायत होती रही है और ऐसे मामले प्रशासन तक पहुंचे हैं। इसलिए जब नगर निगम की साधारण सभा में यह विषय आया तो 52 पार्षदों के अलावा 5-6 अन्य पार्षद इसके खिलाफ उठ खड़े हुए। आखिऱकार उनकी बात मानी गई।