भक्तों को दर्शन देने निकले महाप्रभु, दादरखुर्द में रथ खींचने उमड़े भक्त

भगवान जगन्नाथ-बलभद्र और सुभद्रा मौसी के घर पहुंचाए गए

कोरबा। रविवार को शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्र में रथयात्रा महोत्सव को लेकर खासा उत्साह देखने को मिला। ग्राम दादरखुर्द में ऐतिहासिक रथ यात्रा के आयोजन का इस साल 123वां वर्ष रहा। विशेष रूप से मंदिर को सजाया गया और भगवान का सुसज्जित रथ तैयार किया गया। पं. कृष्ण कुमार द्विवेदी की देखरेख में रथ यात्रा का आयोजन संपन्न हुआ जिसमें आयोजकगणों ने बढ़-चढक़र सहयोग किया।


रथयात्रा के अवसर पर 14 दिनों के बाद मंदिर के पट खुलने के इंतजार में श्रद्धालु महाप्रभु के दरबार पर बैठे रहे। ब्रम्हूमुहूर्त पर मंदिर के पट खुलते ही भक्तों ने पूजा-अर्चना की। महाआरती में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। महाप्रभु का विशेष श्रृंगार स्वरूप भक्तों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा। महाप्रसाद का भोग लगाया। दोपहर में भगवान जगन्नाथ, भैया बलदाऊ और बहन सुभद्रा को फूल, माला, रंग-बिरंगे तोरण से सुसज्जित रथ में विराजमान कराया गया। मंदिर से भगवान को निकाल कर रथ में बिठाने की पूरी प्रक्रिया विधि-विधानपूर्वक संपन्न कराई गई।

भगवान का दर्शन कर रथ खींचने का पुण्य लाभ अर्जित करने के लिए आम और खास लोग दादरखुर्द में उमड़े रहे। श्रम मंत्री व कोरबा विधायक लखनलाल देवांगन, महापौर राजकिशोर प्रसाद, भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुश्री सरोज पाण्डेय ने भी रथ यात्रा का पुण्य लाभ प्राप्त किया। पूजा-अर्चना कर महाप्रभु का सभी ने आशीर्वाद लिया व परिवार के सुख, शांति और समृद्धि की कामना की। देर शाम लगभग आठ बजे महाप्रभु का रथ मौसी के घर गांव के शिव मंदिर पहुंचा। दादरखुर्द के अलावा शहर के सीतामणी, बालकोनगर, कुसमुंडा, जमनीपाली, रजगामार, पाली, कटघोरा, कुसमुंडा, दीपका से लेकर अन्य उप नगरीय व ग्रामीण क्षेत्रों में भी रथयात्रा निकालने की परंपरा का निर्वहन किया गया।