पूर्व निलंबित डीईओ जीपी भारद्वाज ने किया कार्यभार ग्रहण

कोरबा। जिला शिक्षा अधिकारी जीपी भारद्वाज जो कि जिला शिक्षा अधिकारी मुंगेली कार्यकाल के दौरान कोरोना काल में बिना निविदा के डीएमएफ मद से मुंगेली जिले के स्कूलों के लिए सामग्री एवं अन्य उपकरणों की खरीदी के आरोप में तीन माह पूर्व विधानसभा सत्र के दरमियान निलंबन किए जाने के संबंध में प्रस्ताव पारित किया गया था जिसके तहत छत्तीसगढ़ शासन स्कूल शिक्षा विभाग के अवर सचिव द्वारा कोरबा डीईओ जीपी भारद्वाज को 25 फरवरी को जिला शिक्षा अधिकारी कोरबा के पद से तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया था।


ज्ञातव्य हो कि जिला शिक्षा अधिकारी को जिन आरोप के आधार पर छग शासन स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा निलंबित करने आदेश जारी किया गया था उसके पूर्व उक्त प्रकरण पर उच्च स्तरीय  विभागीय जांच संस्थित किया गया था विभागीय जांच पश्चात् जांच प्रतिवेदन में जीपी भारद्वाज दोष मुक्त पाए गए थे। छत्तीसगढ़ राज्य सिविल सेवा एवं वर्गीकरण नियम 1966 के तहत कोई भी निलंबित अधिकारी कर्मचारी को नियमानुसार 45 एवं 90 दिवस के अवधि के भीतर जांच संस्थित कर आरोप पत्र जारी एवं तामिल किए जाने होते हैं नहीं होने की स्थिति में निलंबन आदेश प्रतिसंहरित माना जाता है।

जिला शिक्षा अधिकारी कोरबा जीपी भारद्वाज के निलंबन मामले में 90 दिवस की अवधि पूर्ण होने के पश्चात भी किसी प्रकार से आरोप पत्र न ही जारी किया गया और ना ही तामिल किया गया। इस आधार पर 27 मई को छत्तीसगढ़ सिविल सेवा वर्गीकरण नियंत्रण तथा अपील नियम 1966 के नियम 9 के उपनियम 2ख में स्पष्ट प्रावधानित यह कि निलंबन के पश्चात 90 दिवस की अवधि के भीतर आरोप पत्र जारी एवं तमिल ना होने की दशा में निलंबन आदेश प्रतिसंहरित होना उल्लेखित है।

जिला शिक्षा अधिकारी जीपी भारद्वाज के कार्यभार ग्रहण किए जाने पर जले के विभिन्न शिक्षक संगठनों, अधिकारी कर्मचारियों एवं छ ग कर्मचारी-अधिकारी फ़ेडरेशन द्वारा हर्ष व्यक्त किया गया है।