मुंगेली। जिले के मुंगेली विकासखंड अंतर्गत प्रतापपुर गांव के विशाल तालाब में सैकड़ों मछलियों की सामूहिक मौत ने स्थानीय लोगों और प्रशासन को सकते में डाल दिया है। तालाब में मछलियों को मृत अवस्था में तैरते देखा गया, जिसके कारणों का अभी तक पता नहीं चल सका है। इस रहस्यमयी घटना ने जैवविविधता पर संकट के बादल मंडराने की आशंका पैदा कर दी है।
घटना की गंभीरता को देखते हुए राजस्व, पुलिस, मत्स्य, और पंचायत विभाग की संयुक्त जांच टीम ने मौके पर पहुंचकर पड़ताल शुरू कर दी है। तालाब के पानी का नमूना लैब जांच के लिए भेजने की तैयारी की जा रही है, ताकि मछलियों की मौत के वैज्ञानिक कारणों का पता लगाया जा सके। प्रशासन ने तत्काल प्रभाव से तालाब के निस्तारी उपयोग पर रोक लगा दी है और ग्रामीणों को तालाब से दूर रहने की सख्त हिदायत दी है।
तालाब में ऑक्सीजन स्तर बढ़ाने के प्रयास
प्रशासन ने तालाब में पोटाश और चुना का छिड़काव करवाया है, ताकि पानी में ऑक्सीजन का स्तर सामान्य किया जा सके। इसके अलावा, मत्स्य विभाग के निर्देश पर आवश्यक दवाएं मंगाई जा रही हैं। तालाब में नया पानी भी छोड़ा जा रहा है, ताकि जल की गुणवत्ता में सुधार हो। हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि मछलियों की मौत किसी जहरीले रसायन के संपर्क, प्रदूषण, या प्राकृतिक कारणों से हुई है।
स्थानीय लोगों में दहशत, तालाब बना ‘मौत का कुंड’
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि इस तालाब में पहले कभी ऐसी घटना नहीं देखी गई, जिसके चलते यह मामला और भी रहस्यमयी बन गया है। तालाब को फिलहाल ‘मौत का कुंड’ कहकर पुकारा जा रहा है। ग्रामीणों में इस घटना को लेकर दहशत का माहौल है। संयुक्त जांच दल विभिन्न संभावनाओं पर गहनता से पड़ताल कर रहा है, ताकि इस रहस्य से जल्द से जल्द पर्दा उठाया जा सके।
प्रशासन की सख्ती, जांच में तेजी
प्रशासन ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए त्वरित कार्रवाई शुरू कर दी है। पानी के नमूनों की लैब जांच के परिणाम आने के बाद ही मछलियों की मौत के सटीक कारणों का पता चल सकेगा। तब तक तालाब के उपयोग पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा रहेगा। प्रशासन ने ग्रामीणों से अपील की है कि वे जांच प्रक्रिया में सहयोग करें और तालाब के आसपास न जाएं।
Editor – Niraj Jaiswal
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