मुड़ापार-खिसोरा मार्ग कीचड़ और गड्ढों में तब्दील, ग्रामीणों में आक्रोश, ठेकेदार पर लापरवाही का आरोप

कोरबा जिले के पाली ब्लॉक के अंतर्गत ग्राम पंचायत मुड़ापार से खिसोरा को जोड़ने वाला मुख्य मार्ग बारिश के कारण पूरी तरह जर्जर हो चुका है। कीचड़, पानी और दलदल में तब्दील यह सड़क स्कूल जाने वाले छात्र-छात्राओं और दीपका खदान में काम करने वाले मजदूरों के लिए मुसीबत बन गई है। ग्रामीणों ने ठेकेदार की लापरवाही और प्रशासन की उदासीनता पर गहरा आक्रोश जताया है।

मार्ग की बदहाल स्थिति

भारी बारिश के कारण इस मार्ग पर बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं, और यह पूरी तरह कीचड़ और दलदल में बदल गया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि बच्चे स्कूल जाते समय फिसलकर गिर रहे हैं, जिससे उन्हें चोटें लग रही हैं और उनकी पढ़ाई प्रभावित हो रही है। मजदूरों को भी रोजगार के लिए दीपका खदान तक पहुंचने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस स्थिति ने ग्रामीणों के दैनिक जीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है।

स्वीकृत राशि, फिर भी अधूरा काम

ग्रामीणों के अनुसार, इस मार्ग के निर्माण के लिए लगभग 1.60 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई थी, और क्षेत्रीय विधायक प्रेमचंद पटेल ने इसका भूमि पूजन भी किया था। इसके बावजूद, ठेकेदार ने भारी बारिश के बीच मुरुम और मिट्टी डालकर अधूरा काम छोड़ दिया। नतीजतन, सड़क दलदल में तब्दील हो गई। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि ठेकेदार की गैर-जिम्मेदाराना कार्यप्रणाली और पंचायत व प्रशासन की अनदेखी के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है।

ग्रामीणों की मांग

गांव के प्रमुख, जनप्रतिनिधि और पंचायत के जिम्मेदार लोगों पर भी इस समस्या की अनदेखी करने का आरोप लग रहा है। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन और कलेक्टर से गुहार लगाई है कि इस मार्ग की मरम्मत और निर्माण कार्य जल्द से जल्द पूरा कराया जाए। साथ ही, उन्होंने ठेकेदार के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है ताकि भविष्य में ऐसी लापरवाही न हो।

मुड़ापार-खिसोरा मार्ग की बदहाल स्थिति ने ग्रामीणों के सामने गंभीर चुनौतियां खड़ी कर दी हैं। यह घटना सरकारी योजनाओं में गुणवत्ता और जवाबदेही की कमी को उजागर करती है। ग्रामीणों को उम्मीद है कि जिला प्रशासन इस मामले को गंभीरता से लेगा और शीघ्र ही इस सड़क का निर्माण कार्य पूरा कर आम जनजीवन को राहत प्रदान करेगा।