रायपुर-गेवरारोड मेमू और लिंक एक्सप्रेस की लेटलतीफी से यात्री परेशान, समय पर नहीं पहुंच रही ट्रेनें

कोरबा। रायपुर-गेवरारोड मेमू लोकल ट्रेन के शुरू होने के दस दिन बाद भी यह अपने निर्धारित समय पर गेवरारोड रेलवे स्टेशन नहीं पहुंच पा रही है। यही हाल लिंक एक्सप्रेस का भी है। ट्रेनों की लगातार देरी से बांकीमोंगरा, दीपका, हरदीबाजार और आसपास के क्षेत्रों के यात्रियों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। यात्रियों में रेलवे प्रबंधन के प्रति नाराजगी बढ़ रही है।

मेमू लोकल की लेटलतीफी

रेलवे प्रबंधन ने 16 जुलाई से रायपुर-गेवरारोड मेमू लोकल शुरू की थी, जिससे कोयलांचल क्षेत्र के यात्रियों को राहत की उम्मीद थी। इस ट्रेन का रायपुर से छूटने का समय दोपहर 1:50 बजे और गेवरारोड पहुंचने का समय रात 7:30 बजे निर्धारित है। हालांकि, शुरू होने के बाद से यह ट्रेन एक भी दिन समय पर नहीं पहुंची। शुक्रवार को मेमू लोकल 50 मिनट की देरी से गेवरारोड पहुंची, जबकि गुरुवार को यह दो घंटे से अधिक देर से पहुंची। इस देरी के कारण यात्रियों को अपने गंतव्य तक पहुंचने में परेशानी हो रही है। कई बार देर रात होने के कारण ऑटो जैसे साधन भी उपलब्ध नहीं हो पाते।

लिंक एक्सप्रेस भी समय पर नहीं

लिंक एक्सप्रेस की स्थिति भी कुछ अलग नहीं है। शुक्रवार को यह ट्रेन अपने निर्धारित समय सुबह 11:15 बजे की बजाय डेढ़ घंटे की देरी से कोरबा रेलवे स्टेशन पहुंची। ट्रेनों की इस लगातार लेटलतीफी से यात्रियों का धैर्य जवाब दे रहा है।

यात्रियों की परेशानी

ट्रेनों की देरी से बांकीमोंगरा, दीपका, और हरदीबाजार जैसे क्षेत्रों के यात्रियों को आवागमन में भारी असुविधा हो रही है। देरी के कारण कई यात्रियों को अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए वैकल्पिक साधनों का सहारा लेना पड़ रहा है, जो समय और पैसे दोनों की बर्बादी का कारण बन रहा है। यात्रियों का कहना है कि रेलवे प्रबंधन को ट्रेनों के समय पर संचालन के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए।

रेलवे प्रबंधन पर सवाल

यात्रियों ने रेलवे प्रबंधन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि कोयलांचल जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्र में ट्रेनों की लेटलतीफी न केवल असुविधा का कारण है, बल्कि यह क्षेत्र की कनेक्टिविटी और अर्थव्यवस्था को भी प्रभावित कर सकती है। रेलवे से मांग की जा रही है कि ट्रेनों के संचालन में सुधार किया जाए ताकि यात्रियों को समय पर सुविधा मिल सके।