आदिवासी कन्या छात्रावास की 12वीं की छात्रा 3.5 माह की गर्भवती, परिजनों ने इलाज से पहले ले गए घर, जांच शुरू

बीजापुर ।भोपालपटनम थाना क्षेत्र में स्थित आदिवासी कन्या छात्रावास में पढ़ने वाली 12वीं कक्षा की एक 17 वर्षीय छात्रा के साढ़े तीन महीने की गर्भवती होने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। इस खुलासे ने शिक्षा विभाग और प्रशासन में हड़कंप मचा दिया है।

जानकारी के अनुसार, छात्रा 10 जुलाई को गर्मी की छुट्टियों के बाद अपने घर से भोपालपटनम के कन्या आश्रम लौटी थी। 20 जुलाई को उसे पेट दर्द और चक्कर आने की शिकायत हुई, जिसके बाद हॉस्टल वार्डन तोंडेश्वरी शेट्टी ने उसे भोपालपटनम सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया। प्रारंभिक जांच के बाद डॉ. गोपी ने छात्रा को बीजापुर जिला अस्पताल रेफर किया। जिला अस्पताल में मेडिकल जांच के बाद पुष्टि हुई कि छात्रा साढ़े तीन महीने की गर्भवती है।

घटना की जानकारी मिलते ही छात्रा के परिजनों को सूचित किया गया। परिजन जिला अस्पताल पहुंचे और छात्रा की मां ने इलाज से इनकार करते हुए उसे जबरन घर ले गई। बीजापुर जिला अस्पताल की सिविल सर्जन डॉ. रत्ना ठाकुर ने बताया कि छात्रा को भर्ती करने की प्रक्रिया पूरी हो चुकी थी, लेकिन उसकी मां ने इलाज कराने से मना कर दिया और उसे अपने साथ ले गई।

हॉस्टल वार्डन तोंडेश्वरी शेट्टी, जिनकी हाल ही में नियुक्ति हुई है, ने बताया कि उन्हें इस मामले की ज्यादा जानकारी नहीं है और उनकी नई पोस्टिंग के कारण वे पुरानी व्यवस्थाओं के बारे में टिप्पणी नहीं कर सकतीं। वहीं, आदिवासी विकास विभाग के सहायक आयुक्त देवेंद्र सिंह ने कहा कि मामले की गंभीरता को देखते हुए मंडल संयोजक नंद कुमार मारकोंडा को विस्तृत जानकारी के लिए जिला कार्यालय तलब किया गया है।

इस घटना ने छात्रावासों में सुरक्षा और निगरानी की खामियों को उजागर किया है। स्थानीय लोगों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने प्रशासन से मांग की है कि इस मामले की गहन जांच की जाए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न दोहराई जाएं। पुलिस में अभी तक इस मामले में कोई औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं हुई है, लेकिन प्रशासनिक जांच शुरू हो चुकी है।