नीलम सोनी: कोरबा की ‘लखपति दीदी’, जिन्होंने ‘गढ़ कलेवा’ से बदली सैकड़ों महिलाओं की जिंदगी

कोरबा जिले की श्रीमती नीलम सोनी ने अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति और मेहनत से न केवल अपनी जिंदगी को नई दिशा दी, बल्कि सैकड़ों महिलाओं के लिए प्रेरणा की मिसाल बन गईं। कटघोरा में रहने वाली नीलम ने आर्थिक तंगी और घरेलू जिम्मेदारियों के बीच ‘श्रिया स्व-सहायता समूह’ के जरिए राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की ‘बिहान’ योजना से जुड़कर अपने सपनों को हकीकत में बदला।

छह लाख रुपये के ऋण की मदद से नीलम ने ‘गढ़ कलेवा’ नामक परंपरागत छत्तीसगढ़ी भोजनालय शुरू किया, जहां चीला, फरा, ठेठरी, खुरमी जैसे स्थानीय व्यंजनों के साथ मिलेट्स से बने पकवान परोसे जाते हैं। यह भोजनालय न केवल स्वाद का केंद्र बना, बल्कि छत्तीसगढ़ी संस्कृति और लोककला को बढ़ावा देने का माध्यम भी बना। नीलम ने बांस की कलाकृतियों और हस्तनिर्मित वस्तुओं के व्यवसाय को भी जोड़ा, जिससे उनकी आय बढ़ी।

आज ‘गढ़ कलेवा’ से करीब 200 महिलाएं जुड़ी हैं, जिनमें पीवीटीजी बिरहोर जनजाति की महिलाएं भी शामिल हैं।

नीलम का व्यवसाय अब हर महीने 1.5 लाख रुपये का टर्नओवर करता है, और उनका सालाना टर्नओवर 12 लाख रुपये के करीब है। नीलम कहती हैं, “मेरा संतोष इस बात में है कि मेरे साथ मेरी बहनों का परिवार भी आगे बढ़ा।”

छत्तीसगढ़ शासन, बिहान मिशन और जिला प्रशासन कोरबा का आभार व्यक्त करते हुए नीलम अब ‘गढ़ कलेवा’ को पूरे राज्य में विस्तार देना चाहती हैं। साथ ही, वे अन्य महिलाओं को प्रशिक्षण देकर ‘लखपति दीदी’ बनाने और आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने की दिशा में काम करना चाहती हैं।