पथर्रीपारा वार्ड में राशन दुकान विवाद, लक्षिता स्व-सहायता समूह पर चावल-चना वितरण में लापरवाही का आरोप

कोरबा। नगर निगम क्षेत्र के पथर्रीपारा वार्ड में लक्षिता स्व-सहायता समूह द्वारा संचालित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) की दुकान विवादों के घेरे में है। स्थानीय लोगों ने चावल, शक्कर और चना समय पर न मिलने की शिकायत की है, जिसके चलते उपभोक्ताओं ने दुकान पर जमकर हंगामा किया और घटनाक्रम का वीडियो भी बनाया। बढ़ते विवाद की जानकारी खाद्य विभाग तक पहुंची, जिसके बाद खाद्य निरीक्षक ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया।

उपभोक्ताओं की शिकायत: बार-बार चक्कर, फिर भी राशन नहीं

लक्षिता स्व-सहायता समूह, जिसकी जिम्मेदारी वर्तमान में चंदा यादव के पास है, बड़ी संख्या में राशन कार्डधारकों को सेवा प्रदान करता है। उपभोक्ताओं का आरोप है कि हर महीने चावल, विशेष रूप से एपीएल श्रेणी के चावल, शक्कर और चना प्राप्त करने में भारी परेशानी हो रही है। हालिया शिकायतों के अनुसार, न्यूनतम मूल्य पर उपलब्ध चावल के वितरण में देरी और अनियमितता ने लोगों को परेशान कर दिया है। उपभोक्ताओं ने कहा कि उन्हें राशन के लिए बार-बार दुकान के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं, लेकिन सुविधा नहीं मिल रही।

संचालक का तर्क, उपभोक्ताओं में आक्रोश

सोसायटी संचालक चंदा यादव का कहना है कि आर्थिक कारणों और स्टॉक की कमी के चलते राशन वितरण में देरी हो रही है। उन्होंने दावा किया कि जितनी राशि जमा होती है, उसी के आधार पर स्टॉक की व्यवस्था की जाती है और स्टॉक खत्म होने पर वितरण प्रभावित होता है। हालांकि, उपभोक्ताओं ने इस तर्क को हास्यास्पद बताते हुए खाद्य विभाग से कार्रवाई की मांग की है। विवाद के दौरान दुकान पर नोंकझोंक और हंगामे की स्थिति बनी, जिसका वीडियो भी स्थानीय लोगों ने बनाया।

खाद्य विभाग की जांच शुरू

विवाद की सूचना मिलने पर स्थानीय पार्षद चंद्रलोक सिंह ने मौके का जायजा लिया और खाद्य विभाग को सूचित किया। खाद्य निरीक्षक पूजा थेर ने दुकान पर पहुंचकर स्थिति का आकलन किया और अपनी रिपोर्ट विभागीय अधिकारियों को सौंप दी। खाद्य अधिकारी जीएस कंवर ने बताया कि जांच रिपोर्ट अभी प्राप्त नहीं हुई है, लेकिन इसके मिलने पर उचित कार्रवाई की जाएगी।

पार्षद की मांग: सोसायटी बदलने की जरूरत

पार्षद चंद्रलोक सिंह ने कहा कि पथर्रीपारा वार्ड में उचित मूल्य की दुकान की व्यवस्था लंबे समय से खराब है और आए दिन विवाद की स्थिति बन रही है। उन्होंने कहा, “क्षेत्र में कामकाजी लोगों की संख्या अधिक है, जो राशन के लिए घंटों इंतजार नहीं कर सकते। सोसायटी संचालन की व्यवस्था बदलना ही एकमात्र विकल्प है।”

उपभोक्ताओं की मांग: नई संस्था को जिम्मेदारी

उपभोक्ताओं ने मांग की है कि लक्षिता स्व-सहायता समूह की जगह किसी अन्य सक्षम संस्था को राशन दुकान की जिम्मेदारी सौंपी जाए। उनका कहना है कि पिछले कई महीनों से चावल, शक्कर और चना वितरण में हो रही अनियमितताओं ने उनकी मुश्किलें बढ़ा दी हैं। यदि जल्द ही समाधान नहीं हुआ, तो वे आगे विरोध प्रदर्शन करने को बाध्य होंगे।