नगर निगम में टेंडर घोटाले का आरोप, उप मुख्यमंत्री से जांच की मांग

कोरबा। नगर पालिक निगम कोरबा में टेंडर प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर अनियमितता और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप सामने आए हैं। निगम के नेता प्रतिपक्ष कृपाराम साहू ने उप मुख्यमंत्री अरुण साव को शिकायत पत्र सौंपकर इस मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।

टेंडर प्रक्रिया में अनियमितता के आरोप

कृपाराम साहू ने अपने पत्र में बताया कि नगर निगम द्वारा 6 जुलाई 2025 को ई-निविदा क्रमांक 168445 जारी की गई थी, जो अमरैवापारा के पॉवर टावर के पास नाला और सीसी सड़क निर्माण के लिए थी। इस निविदा में 18 ठेकेदारों ने हिस्सा लिया, लेकिन निगम प्रशासन ने मनमाने तरीके से 16 ठेकेदारों की निविदा को अपात्र घोषित कर दिया और केवल 2 ठेकेदारों के टेंडर खोले गए।

“पसंदीदा ठेकेदार” को फायदा पहुंचाने का दावा

साहू ने आरोप लगाया कि यह पूरी प्रक्रिया सुनियोजित ढंग से किसी “पसंदीदा ठेकेदार” को लाभ पहुंचाने के लिए की गई। उन्होंने कहा कि जिन 16 ठेकेदारों को अपात्र घोषित किया गया, उनके दस्तावेजों में कमी बताई गई, जबकि स्वीकृत दो ठेकेदारों ने भी वही दस्तावेज जमा किए थे। साहू ने यह भी दावा किया कि निगम के अन्य टेंडरों में इन्हीं दस्तावेजों को पर्याप्त माना जाता रहा है, जिससे इस प्रक्रिया की निष्पक्षता पर सवाल उठ रहे हैं।

जांच की मांग, उठ रहे सवाल

नेता प्रतिपक्ष ने उप मुख्यमंत्री से इस मामले की गहन जांच करवाने की अपील की है, ताकि टेंडर प्रक्रिया में हुई कथित अनियमितताओं का खुलासा हो सके। इस मामले ने कोरबा नगर निगम की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। स्थानीय लोगों और ठेकेदारों में इस कार्रवाई को लेकर चर्चा का माहौल है।

आगामी जांच से यह स्पष्ट होने की उम्मीद है कि क्या वाकई में टेंडर प्रक्रिया में भ्रष्टाचार हुआ या यह केवल प्रशासनिक त्रुटि थी।