बिलासपुर में रविवार को आयोजित PWD सब इंजीनियर भर्ती परीक्षा में हाईटेक नकल का सनसनीखेज मामला सामने आया है। जशपुर की महिला परीक्षार्थी अन्नू सूर्या ने अंडरगारमेंट में स्पाई कैमरा और कान की बाली में ईयरफोन छिपाकर नकल करने की कोशिश की, जबकि उसकी छोटी बहन अनुराधा बाहर ऑटो में बैठकर वॉकीटॉकी और टैबलेट के जरिए उत्तर दे रही थी। NSUI कार्यकर्ताओं की सतर्कता से इस संगठित नकल की साजिश का खुलासा हुआ, और पुलिस ने दोनों बहनों को हिरासत में ले लिया है।
नकल का हाईटेक सेटअप
अन्नू सूर्या अपनी छोटी बहन अनुराधा के साथ कार से जशपुर से बिलासपुर पहुंची थी। सरकंडा स्थित रामदुलारे शासकीय स्वामी आत्मानंद स्कूल परीक्षा केंद्र में अन्नू ने अंडरगारमेंट में स्पाई कैमरा और बाली में ईयरफोन छिपाया था। बाहर बैठी अनुराधा टैबलेट और वॉकीटॉकी के जरिए प्रश्न पत्र देखकर उत्तर बता रही थी। पुलिस जांच में पता चला कि अन्नू ने परीक्षा समाप्त होने से 15 मिनट पहले ही 100 प्रश्न हल कर लिए थे, जो इस सेटअप की मदद से संभव हुआ।
कैसे हुआ खुलासा
घटना तब सामने आई जब कार ड्राइवर को अनुराधा की गतिविधियों पर शक हुआ। उसने अनुराधा को कार से उतार दिया और इसकी जानकारी NSUI के कार्यकर्ता विकास सिंह को दी। अनुराधा ने इसके बाद एक ऑटो में बैठकर नकल कराने की कोशिश की, लेकिन विकास सिंह ने मौके पर पहुंचकर उसे रंगे हाथ पकड़ लिया। इसके बाद केंद्राध्यक्ष को सूचित किया गया, और जांच में अन्नू के पास छिपाए गए स्पाई गैजेट बरामद हुए। NSUI प्रदेश अध्यक्ष नीरज पांडेय ने भी केंद्र पहुंचकर मामले की गंभीरता को उजागर किया।
पुलिस कार्रवाई और जांच
सीएसपी सिद्धार्थ बघेल ने बताया कि दोनों बहनों से पूछताछ जारी है। उनके पास मिले स्पाई कैमरा, ईयरफोन, वॉकीटॉकी और टैबलेट की जांच की जा रही है। दोनों के खिलाफ धोखाधड़ी और आईटी एक्ट की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि क्या यह किसी बड़े नकल गिरोह का हिस्सा है।
NSUI की मांग: उच्चस्तरीय जांच
NSUI ने इस घटना को छत्तीसगढ़ व्यापम की परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी का सबूत बताते हुए उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। NSUI प्रदेश अध्यक्ष नीरज पांडेय ने कहा कि इस तरह की घटनाएं न केवल परीक्षा की निष्पक्षता पर सवाल उठाती हैं, बल्कि मेहनती अभ्यर्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करती हैं। उन्होंने प्रशासन से सख्त कार्रवाई और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने की मांग की।
राजनीतिक विवाद
इस घटना ने राजनीतिक हलकों में भी हलचल मचा दी है। विपक्षी कांग्रेस पार्टी ने बीजेपी शासित राज्य सरकार पर निष्पक्ष और पारदर्शी परीक्षा आयोजित करने की क्षमता पर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस नेता टीएस सिंहदेव ने इसे एक संगठित साजिश का हिस्सा बताया और सरकार की कार्यप्रणाली पर निशाना साधा।
वायरल वीडियो ने बढ़ाया विवाद
घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसने इस मामले को और सुर्खियों में ला दिया है। जनता के बीच इस घटना को लेकर गुस्सा और चिंता बढ़ रही है, क्योंकि यह मेहनती अभ्यर्थियों के साथ अन्याय का प्रतीक बन गया है।
भविष्य के लिए सबक
यह घटना छत्तीसगढ़ में परीक्षा प्रक्रिया में तकनीकी और प्रशासनिक खामियों को उजागर करती है। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़े सुरक्षा उपाय, जैसे जैमर का उपयोग और सख्त निगरानी, जरूरी हैं। साथ ही, अभ्यर्थियों की तलाशी और परीक्षा केंद्रों पर उन्नत तकनीक का इस्तेमाल अनिवार्य किया जाना चाहिए।
Editor – Niraj Jaiswal
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