छत्तीसगढ़ विधानसभा का मानसून सत्र आज से शुरू, खाद, कानून-व्यवस्था और शराब घोटाले पर हंगामे के आसार

रायपुर।छत्तीसगढ़ विधानसभा का मानसून सत्र आज 14 जुलाई से शुरू हो रहा है, जो 18 जुलाई तक चलेगा। इस पांच दिवसीय सत्र में 996 सवालों के साथ सत्ताधारी भाजपा और विपक्षी कांग्रेस के बीच तीखी नोकझोंक और हंगामे की संभावना है। खाद की कमी, बिगड़ती कानून-व्यवस्था, शराब घोटाला, डीएपी खाद, और भारत माला परियोजना में भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों पर सदन में गहमागहमी देखने को मिल सकती है। दोनों दलों ने रविवार रात अपने विधायकों के साथ बैठक कर रणनीति तैयार कर ली है।

कांग्रेस की रणनीति: सरकार को घेरने की तैयारी

कांग्रेस ने सत्र में भाजपा सरकार को खाद की कमी, कानून-व्यवस्था, अवैध शराब, और पेड़ों की कटाई जैसे मुद्दों पर घेरने की रणनीति बनाई है। रविवार रात राजीव भवन में हुई कांग्रेस विधायक दल की बैठक में इन मुद्दों पर सरकार से तीखे सवाल पूछने की योजना तैयार की गई। विपक्षी विधायक खासकर उर्वरकों की किल्लत और राज्य में बढ़ते अपराधों को लेकर सरकार पर हमलावर होने की तैयारी में हैं। कांग्रेस का कहना है कि डेढ़ साल के शासन में भाजपा सरकार कई मोर्चों पर विफल रही है, और इन मुद्दों को सदन में जोर-शोर से उठाया जाएगा।

भाजपा की तैयारी: जवाबी रणनीति के साथ सत्र में उतरने का प्लान

भाजपा ने भी सत्र के लिए अपनी तैयारियां पूरी कर ली हैं। रविवार रात मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में हुई विधायक दल की बैठक में प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंहदेव और संगठन महामंत्री पवन साय सहित सभी प्रमुख नेता मौजूद रहे। बैठक में विधायकों को सत्र में शत-प्रतिशत उपस्थिति और विभागीय मंत्रियों को पूरी तैयारी के साथ आने के निर्देश दिए गए। विपक्ष के सवालों का जवाब देने और सरकार की उपलब्धियों को उजागर करने की रणनीति बनाई गई। भाजपा का दावा है कि वह विपक्ष के हर सवाल का तथ्यपरक जवाब देगी।

सत्र में उठने वाले प्रमुख मुद्दे

90 सीटों वाली छत्तीसगढ़ विधानसभा में भाजपा के 54, कांग्रेस के 35 और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के एक विधायक हैं। इस सत्र में कुल 996 सवाल लगाए गए हैं, जिनमें किसानों को खाद-बीज की कमी, बिजली के दाम, कानून-व्यवस्था, युक्तियुक्तकरण, अवैध रेत खनन, और भारत माला परियोजना में कथित भ्रष्टाचार जैसे मुद्दे शामिल हैं। सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों के विधायकों के तीखे तेवर सत्र को हंगामेदार बनाने की ओर इशारा कर रहे हैं। खासकर शराब घोटाले और डीएपी खाद की अनुपलब्धता जैसे मुद्दों पर विपक्ष सरकार को कठघरे में खड़ा कर सकता है।

पहले दिन हंगामे की आशंका

सत्र का पहला दिन विशेष रूप से हंगामेदार होने की संभावना है। सुबह 11 बजे शुरू होने वाली कार्यवाही में विपक्ष के सवालों और सत्ता पक्ष के जवाबों के बीच तीखी बहस हो सकती है। भारत माला परियोजना में भ्रष्टाचार और किसानों को खाद की कमी जैसे मुद्दों पर सदन में गहमागहमी देखने को मिल सकती है। विधानसभा की पांच बैठकों में इन मुद्दों पर चर्चा और सरकार की जवाबदेही तय करने की कोशिश होगी।

जनता की नजर

छत्तीसगढ़ की जनता की नजर इस सत्र पर टिकी है, क्योंकि यह सत्र न केवल सरकार की नीतियों और विपक्ष की रणनीति को परखेगा, बल्कि राज्य की ज्वलंत समस्याओं पर चर्चा का मंच भी प्रदान करेगा। सत्र के परिणाम और उठाए गए मुद्दों का असर आगामी राजनीतिक परिदृश्य पर भी पड़ सकता है।