दूषित जल आपूर्ति से 26,000 निवासी प्रभावित, नगर पालिका की लापरवाही पर सवाल

कोरबा। कटघोरा नगर पालिका परिषद क्षेत्र में दूषित जल आपूर्ति की गंभीर समस्या ने लगभग 26,000 निवासियों को प्रभावित किया है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि नगर पालिका द्वारा सप्लाई किया जा रहा गंदा पानी कई लोगों, खासकर छोटे बच्चों, को बीमार कर रहा है। इस मुद्दे की शिकायत वार्डवासियों ने नगर पालिका, मुख्य नगर पालिका अधिकारी (सीएमओ), और अध्यक्ष से की है, लेकिन अभी तक कोई ठोस समाधान नहीं निकला है।

गंदे पानी से स्वास्थ्य संकट

वार्ड नंबर-6 के निवासी गजेंद्र ने बताया कि पिछले एक सप्ताह से आपूर्ति होने वाला पानी इतना दूषित है कि लोग इसे उबालकर पीने को मजबूर हैं। उन्होंने कहा, “पानी की गुणवत्ता इतनी खराब है कि इसे पीना असंभव है। वैकल्पिक स्रोत न होने के कारण हमें मजबूरी में इसका उपयोग करना पड़ रहा है।” इस दूषित पानी के कारण कई परिवारों में बच्चे और बुजुर्ग बीमार पड़ रहे हैं, जिसने स्वास्थ्य संकट को और गहरा दिया है।

नगर पालिका की लापरवाही पर आक्रोश

निवासियों ने नगर पालिका की लापरवाही और जल स्रोतों के अपर्याप्त रखरखाव को इस समस्या का प्रमुख कारण बताया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि बार-बार शिकायत करने के बावजूद न तो जनप्रतिनिधियों ने और न ही संबंधित विभाग ने कोई प्रभावी कदम उठाया है। एक निवासी ने कहा, “यह केवल पानी की समस्या नहीं, बल्कि प्रशासन की जवाबदेही की कमी का मामला है।”

अधिकारियों का दावा

नगर पालिका अधिकारियों का कहना है कि लगातार बारिश के कारण जल स्रोतों में बरसाती पानी एकत्रित हो रहा है, जिससे आपूर्ति में दूषित पानी की समस्या उत्पन्न हुई है। हालांकि, निवासियों का तर्क है कि यह बहाना समस्या की गंभीरता को कम नहीं करता। उनका कहना है कि जल शोधन और स्रोतों के रखरखाव पर ध्यान न देने के कारण यह संकट बढ़ा है।

जिले में बढ़ता स्वास्थ्य संकट

कटघोरा के अलावा, कोरबा जिले के कई ग्रामीण क्षेत्रों में भी दूषित पानी के कारण स्वास्थ्य समस्याएं सामने आ रही हैं। निवासियों ने मांग की है कि नगर पालिका तत्काल जल शोधन की व्यवस्था करे और स्रोतों की नियमित जांच सुनिश्चित करे। साथ ही, दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की भी मांग उठ रही है।

प्रशासन से उम्मीद

इस मामले में नगर पालिका और जिला प्रशासन से त्वरित कार्रवाई की अपेक्षा की जा रही है। निवासियों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही समाधान नहीं हुआ, तो वे विरोध प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे। यह घटना न केवल कटघोरा की जल आपूर्ति व्यवस्था की खामियों को उजागर करती है, बल्कि प्रशासनिक जवाबदेही और नागरिकों के स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही पर भी सवाल उठाती है।