हाथियों का आतंक: गौरछापर और पसान रेंज में 40 से अधिक हाथियों का डेरा, ग्रामीणों में दहशत

कोरबा। कटघोरा वनमंडल अंतर्गत गौरछापर और पसान रेंज में हाथियों के बड़े दल ने आतंक मचा रखा है। गौरछापर क्षेत्र में 3 जुलाई की रात से 26 से 27 हाथियों का दल डेरा जमाए हुए है, जबकि पसान रेंज के बनिया और जटगा में 19 हाथी विचरण कर रहे हैं। इससे ग्रामीणों में भारी दहशत का माहौल है, और लोग रातभर सतर्कता और भय के बीच समय बिता रहे हैं।

गौरछापर में 26-27 हाथियों का दल

गौरछापर क्षेत्र में भारी संख्या में हाथियों की मौजूदगी ने ग्रामीणों की नींद उड़ा दी है। स्थानीय लोगों ने बताया कि यह इलाका पहले भी हाथियों के विचरण का मार्ग रहा है, लेकिन इतने बड़े दल का एक साथ डेरा डालना असामान्य है। वन विभाग की टीमें ड्रोन कैमरों और टॉर्च की मदद से हाथियों की गतिविधियों पर नजर रख रही हैं। प्रभावित गांवों में मुनादी कराकर लोगों को सतर्क किया जा रहा है और जंगल की ओर न जाने की अपील की गई है। कुछ क्षेत्रों में हाथियों को जंगल की ओर खदेड़ने का प्रयास भी जारी है।

बिजली कटौती से दोहरी परेशानी

हाथियों के खतरे को देखते हुए विद्युत विभाग ने एहतियातन रात में बिजली आपूर्ति बंद कर दी है, जिससे ग्रामीण अंधेरे में रहने को मजबूर हैं। इससे लोगों को दहशत के साथ-साथ अंधेरे की भी मार झेलनी पड़ रही है। ग्रामीणों ने वन विभाग और प्रशासन से स्थायी समाधान की मांग की है, ताकि जन-धन की हानि की आशंका को टाला जा सके।

पसान रेंज में भी आतंक

पसान रेंज के बनिया और जटगा गांवों में 19 हाथियों का दल सक्रिय है, जिसमें 14 जटगा और 5 बनिया में विचरण कर रहे हैं। इन क्षेत्रों में भी ग्रामीण भय के साये में जी रहे हैं। हाल ही में पसान रेंज के बनिया में एक युवक की हाथी के हमले में मौत हो चुकी है, जिसने लोगों के बीच डर को और बढ़ा दिया है।

ग्रामीणों की मांग और वन विभाग की कार्रवाई

ग्रामीणों ने वन विभाग और जिला प्रशासन से मांग की है कि हाथियों के आतंक से निपटने के लिए स्थायी उपाय किए जाएं। बीते वर्षों में कोरबा जिले में हाथियों के हमले में फसलों को नुकसान, मकानों की तोड़फोड़ और जनहानि की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं। वन विभाग ने ग्रामीणों से जंगल में न जाने और हाथियों से दूरी बनाए रखने की अपील की है। विभाग का कहना है कि हाथियों की निगरानी के लिए टीमें तैनात हैं और स्थिति पर काबू पाने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं।

चुनौती बनी हाथियों की मौजूदगी

कोरबा जिले में हाथियों का उत्पात लंबे समय से एक गंभीर चुनौती बना हुआ है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर समय रहते प्रभावी कदम नहीं उठाए गए, तो आने वाले दिनों में और नुकसान की आशंका है। वन विभाग और प्रशासन पर अब दबाव बढ़ रहा है कि वह इस समस्या का स्थायी समाधान निकाले, ताकि ग्रामीण सुरक्षित और निश्चिंत होकर अपना जीवन जी सकें।