सड़कों पर मवेशियों का जमावड़ा, हादसों का खतरा बढ़ा, प्रशासन की लापरवाही पर सवाल

कोरबा।जिले में सड़कों पर मवेशियों का बढ़ता जमावड़ा गंभीर समस्या बन गया है, जिससे हादसों का खतरा लगातार बढ़ रहा है। तीन दिन पहले विकासखंड करतला के गांव सकदुकला के पास सड़क पर खड़े मवेशियों से बाइक टकराने से दादरखुर्द के तीन ग्रामीणों की मौत हो गई थी। इसके बावजूद प्रशासन ने कोई सबक नहीं लिया और मुख्य मार्गों से मवेशियों को हटाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।

मानसून के सक्रिय होने के साथ रुक-रुककर हो रही बारिश ने समस्या को और गंभीर कर दिया है। लोग गोठानों में गंदगी और दुर्गंध के कारण मवेशियों को घर में रखने से बच रहे हैं और उन्हें सड़कों पर खुला छोड़ रहे हैं। कोसाबाड़ी, बुधवारी बाजार, वीआईपी मार्ग, पावर हाउस रोड, सर्वमंगला रोड, सुभाष चौक जैसे शहरी क्षेत्रों के मुख्य मार्गों के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों और राष्ट्रीय राजमार्गों पर भी मवेशियों का जमावड़ा आम बात हो गई है। वाहनों के हॉर्न और आवाज से घबराकर मवेशी अचानक उछलकर वाहनों से टकरा जाते हैं, जिससे हादसों की आशंका बढ़ गई है।

प्रशासन हर साल मवेशियों को सड़कों से हटाने के लिए अभियान चलाता है, लेकिन यह अभियान प्रभावी साबित नहीं हो रहा। पूर्व में कांग्रेस सरकार द्वारा शुरू किया गया ‘रोका-छेका’ अभियान भी अब ठप पड़ चुका है। शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में नगरीय निकाय प्रशासन इस समस्या पर ध्यान नहीं दे रहा। इससे न केवल वाहन चालकों और मवेशियों को नुकसान हो रहा है, बल्कि कई बार जानलेवा हादसे भी हो रहे हैं।

स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि सड़कों पर मवेशियों को नियंत्रित करने के लिए सख्त कदम उठाए जाएं और लापरवाह मवेशी मालिकों पर कार्रवाई की जाए। इस गंभीर समस्या के समाधान के लिए प्रशासन की जवाबदेही सुनिश्चित करने की जरूरत है।