कोरबा, 26 जून 2025: छत्तीसगढ़ राज्य न्यायपालिका ने पारदर्शी, त्वरित और पेपरलेस न्याय प्रणाली की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। बुधवार को जिला एवं सत्र न्यायालय रायगढ़, जांजगीर-चांपा, कोरबा और बेमेतरा में डिजिटाइजेशन एवं स्कैनिंग सेंटर, 23 जिला न्यायालयों और जिला अस्पतालों के बीच वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सुविधा, तथा अपराधिक प्रकरणों में ई-समंस सेवा का वर्चुअल शुभारंभ किया गया। इस पहल का उद्घाटन छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय, बिलासपुर के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा ने किया।
न्यायमूर्ति सिन्हा ने इस अवसर पर कहा कि इन चार जिलों में डिजिटाइजेशन केंद्रों की शुरुआत के साथ ही पूरे छत्तीसगढ़ में डिजिटल न्यायिक प्रणाली का कार्य पूर्ण हो गया है, जो राज्य के न्यायिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। उन्होंने बताया कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सुविधा से चिकित्सा क्षेत्र के व्यक्तियों को गवाही या ट्रायल के लिए लंबी दूरी तय करने की आवश्यकता नहीं होगी। साथ ही, ई-समंस सेवा से समंस की तामील प्रक्रिया तेज और प्रभावी होगी, जिससे अदालती कार्यवाही में देरी कम होगी।
न्यायमूर्ति सिन्हा ने हमेशा आधुनिक तकनीक और मजबूत न्यायिक अधोसंरचना को बढ़ावा दिया है। उनके नेतृत्व में राज्य के दूरस्थ जिला न्यायालयों का दौरा कर पक्षकारों, अधिवक्ताओं और कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान करने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। इनमें फर्स्ट एड क्लिनिक, पोस्ट ऑफिस, और डिजिटल सुविधाओं का विस्तार शामिल है। इस पहल के साथ छत्तीसगढ़ देश के अग्रणी ई-कोर्ट मिशन राज्यों में शामिल हो गया है।
कार्यक्रम में उच्च न्यायालय कम्प्यूटरीकरण समिति के अध्यक्ष न्यायमूर्ति नरेंद्र कुमार व्यास, अन्य कम्प्यूटरीकरण समिति सदस्य, पोर्टफोलियो न्यायाधीश, रजिस्ट्रार जनरल, न्यायिक अधिकारी, कर्मचारी और मीडिया प्रतिनिधि उपस्थित थे। समारोह की शुरुआत बेमेतरा के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश के स्वागत भाषण से हुई और समापन रायगढ़ के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।
यह पहल छत्तीसगढ़ की न्यायिक प्रणाली को अधिक पारदर्शी, त्वरित और सुगम बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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