बिलासपुर। जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) अनिल तिवारी ने बुधवार को बिल्हा और मस्तुरी ब्लॉक के विभिन्न शासकीय स्कूलों का आकस्मिक निरीक्षण किया। इस दौरान शासकीय हाईस्कूल फरहदा, शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला गतौरा और शासकीय बालक प्राथमिक शाला गतौरा बंद पाए गए। इन स्कूलों के प्राचार्य, प्रधान पाठक और शिक्षक-शिक्षिकाएं बिना सूचना के अनुपस्थित थे।
अनुपस्थित कर्मचारियों को नोटिस
डीईओ अनिल तिवारी ने अनुपस्थित कर्मचारियों को कड़ा रुख अपनाते हुए 3 दिनों के भीतर स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने का नोटिस जारी किया है। संतोषजनक जवाब न मिलने पर एक दिन का वेतन काटने के साथ-साथ अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। नोटिस प्राप्त करने वालों में शामिल हैं:
शासकीय हाईस्कूल फरहदा: प्राचार्य श्रीमती माधुरी मानुरकर और समस्त स्टाफ।
शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय गतौरा: प्राचार्य आरसी चौधरी और समस्त स्टाफ।
शासकीय प्राथमिक शाला गतौरा: शिक्षक और अन्य कर्मचारी।
अन्य स्कूलों में भी अनियमितता
निरीक्षण के दौरान डीईओ ने करीब आधा दर्जन अन्य स्कूलों का भी दौरा किया, जहां कई शिक्षक अनुपस्थित पाए गए। इन कर्मचारियों को भी देर शाम तक नोटिस जारी किया जाएगा। डीईओ ने स्पष्ट किया कि शिक्षा के स्तर को सुधारने और अनुशासन बनाए रखने के लिए ऐसी कार्रवाइयां जरूरी हैं।
शिक्षा विभाग की सख्ती
जिला शिक्षा अधिकारी ने कहा कि स्कूलों में शिक्षकों की अनुपस्थिति से विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित होती है, जो अस्वीकार्य है। उन्होंने चेतावनी दी कि भविष्य में भी इस तरह की औचक जांच जारी रहेगी और लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
स्थानीय लोगों में नाराजगी
स्थानीय अभिभावकों और ग्रामीणों ने स्कूलों के बंद रहने और शिक्षकों की अनुपस्थिति पर नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि इससे बच्चों का भविष्य प्रभावित हो रहा है। उन्होंने प्रशासन से नियमित निरीक्षण और शिक्षकों की जवाबदेही सुनिश्चित करने की मांग की है।
यह घटना बिलासपुर जिले में सरकारी स्कूलों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाती है और शिक्षा विभाग की सख्ती की आवश्यकता को रेखांकित करती है।
Editor – Niraj Jaiswal
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