कोरबा। जिले में सांपों का आना-जाना आम बात है। जिला, जिसे नाग लोक के नाम से भी जाना जाता है, में सांपों की मौजूदगी न केवल जंगलों में, बल्कि कारखानों और सरकारी दफ्तरों में भी देखी जाती है। रात के अंधेरे में चूहों की तलाश में सांप अक्सर इमारतों में घुस जाते हैं, जिससे सर्पदंश की घटनाएं बढ़ती हैं। ऐसी ही एक घटना दादर में सामने आई, जहां एक भारतीय नाग कुएं में गिर गया था, लेकिन समय रहते उसे बचा लिया गया।
गौतम पटेल नामक युवक ने वाइल्डलाइफ रेस्क्यू टीम के प्रमुख जितेंद्र सारथी को इसकी सूचना दी। सारथी अपनी टीम के साथ तुरंत मौके पर पहुंचे। उन्होंने सुरक्षा उपकरण इकट्ठे किए और स्थानीय लोगों की मदद से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया।
सारथी ने रस्सी अपनी कमर में बांधी और कुछ लोगों से उसे पकड़े रहने को कहा। इसके बाद, सावधानीपूर्वक कुएं के पास जाकर बाल्टी की मदद से कड़ी मेहनत के बाद सांप को सुरक्षित बाहर निकाला गया। रेस्क्यू के बाद सांप को जंगल में सुरक्षित छोड़ दिया गया। स्थानीय लोगों ने सारथी और उनकी टीम की तारीफ की।
कोरबा में सांपों से जुड़ी घटनाएं आम हैं, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि सभी सांप जहरीले नहीं होते। अधिकांश सांप विषहीन होते हैं, लेकिन जानकारी के अभाव में लोग घबरा जाते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में विषहीन सांप के काटने पर लोग अक्सर झाड़-फूंक या जड़ी-बूटी का सहारा लेते हैं, जबकि ऐसी स्थिति में कोई खतरा नहीं होता।
यह अंधविश्वास खतरनाक साबित होता है, जब जहरीले सांप के काटने पर लोग अस्पताल जाने के बजाय झाड़-फूंक पर भरोसा करते हैं, जिससे कई बार जान गंवानी पड़ती है।
विशेषज्ञों की सलाह: सर्पदंश की स्थिति में तुरंत नजदीकी अस्पताल जाएं और चिकित्सकीय उपचार कराएं। समय पर इलाज से जान बचाई जा सकती है।
हेल्पलाइन नंबर:
8817534455
7999622151
सांपों के प्रति जागरूकता और सही जानकारी ही इस तरह की घटनाओं से बचाव का सबसे बेहतर तरीका है।
Editor – Niraj Jaiswal
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