कोरबा। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा जून, जुलाई और अगस्त माह का चावल एक साथ वितरित करने के लिए शुरू किए गए चावल उत्सव में नया नियम परेशानी का कारण बन रहा है। राशन वितरण के लिए अब अंगूठे के निशान की बजाय मोबाइल पर ओटीपी के माध्यम से प्रक्रिया पूरी की जा रही है, जिससे हितग्राहियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
नए नियम के तहत, तीन महीने के राशन के लिए हितग्राही के मोबाइल पर छह बार ओटीपी भेजी जा रही है। इस जटिल प्रक्रिया में कई लोग उलझ रहे हैं। जिन हितग्राहियों के मोबाइल नंबर आधार से लिंक नहीं हैं, उन्हें राशन दुकान से घर पर फोन करके ओटीपी मंगवाना पड़ रहा है, जिससे वित-fरण में देरी हो रही है। इस स्थिति ने राशन दुकानों पर लंबी कतारें और अव्यवस्था पैदा कर दी है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में कई जगहों पर नेटवर्क की समस्या है और कुछ लोग मोबाइल चलाना भी नहीं जानते। ऐसे में ओटीपी सिस्टम उनकी मुश्किलें बढ़ा रहा है। ओटीपी के बिना राशन न मिलने की शिकायतों के बीच लोग अपने मोबाइल नंबर को आधार से लिंक कराने के लिए लोक सेवा केंद्रों पर पहुंच रहे हैं, जहां भीड़ बढ़ती जा रही है।
हितग्राहियों ने मांग की है कि सरकार इस नियम को सरल करे और ग्रामीण क्षेत्रों की समस्याओं को ध्यान में रखकर वैकल्पिक व्यवस्था करे, ताकि राशन वितरण सुगम हो सके।
Editor – Niraj Jaiswal
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