अवैध शराब के खिलाफ सख्त कार्रवाई, 1620 लीटर शराब और 57 लाख का गांजा जप्त

कोरबा जिले में अवैध शराब और मादक पदार्थों के खिलाफ प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया है। कलेक्टर अजीत वसंत के निर्देश पर आबकारी विभाग ने जिले में अवैध शराब के कारोबार पर नकेल कसने के लिए सघन अभियान शुरू किया है। सहायक आयुक्त आबकारी आशा सिंह के नेतृत्व में गठित विशेष टीमों ने अप्रैल और मई 2025 में 329 आपराधिक प्रकरण दर्ज किए, जिनमें 1620 लीटर अवैध शराब और 8280 किलो लाहन जप्त किया गया। साथ ही, 4.2 टन गांजा, जिसका बाजार मूल्य लगभग 57 लाख रुपये है, भी बरामद किया गया।

55 आरोपियों को जेल, 20 लाख की शराब जब्त

आबकारी विभाग की कार्रवाई में 55 आरोपियों को धारा 34(2) के तहत गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया। जब्त शराब का बाजार मूल्य करीब 20 लाख रुपये आंका गया है। इसके अलावा, दो आरोपियों को एनडीपीएस एक्ट के तहत गिरफ्तार कर जेल भेजा गया।

रजगामार, बालको और दर्री में कार्रवाई

रजगामार के हाथीमुड़ क्षेत्र में पंकज कुमार और सुमित्रा को 35.5 और 6.5 लीटर अवैध शराब बेचते रंगे हाथ पकड़ा गया। दोनों को कोरबा न्यायालय से जेल भेजा गया। बालको थाना क्षेत्र के रूमगरा हवाई पट्टी और अजगरबहार में मुकेश चौहान, राधेश्याम सारथी और दोंदरों के दुर्गेश से क्रमशः 20, 14.5 और 14.5 लीटर अवैध शराब बरामद की गई। दर्री थाना क्षेत्र के नदियांखार डेम के पास नदी किनारे रेत में छिपाकर रखी गई 57 लीटर महुआ शराब दो बहनों, दूरपति और सरस्वती, से बरामद की गई। दोनों को कटघोरा न्यायालय से रिमांड पर जेल भेजा गया।

करतला और बांगो में भी छापेमारी

करतला के सरदुकला में बलराम से 12 पाव देशी मदिरा, 19 पाव गोवा व्हिस्की और 9.5 लीटर महुआ शराब बरामद की गई। बांगो थाना क्षेत्र के माचाडोली में महिराम रजक से 5.5 लीटर शराब जब्त कर उसे कटघोरा न्यायालय से जेल भेजा गया। इन सभी मामलों में आबकारी विभाग ने धारा 34(2) के तहत कार्रवाई की।

अवैध शराब पर कड़ा कानून

छत्तीसगढ़ में 5 लीटर से अधिक अवैध शराब का निर्माण, बिक्री, धारण या परिवहन अजमानतीय अपराध है। इसमें एक से तीन साल की सजा और 25 हजार से 1 लाख रुपये तक जुर्माने का प्रावधान है। दूसरी बार दोषी पाए जाने पर सजा की अवधि 2 से 5 साल और जुर्माना 50 हजार से 2 लाख रुपये तक हो सकता है।

आबकारी विभाग का यह अभियान लगातार जारी है, और जिले में अवैध शराब के कारोबार को पूरी तरह खत्म करने के लिए कठोर कदम उठाए जा रहे हैं।