आरएसएस के 15 दिवसीय अभ्यास वर्ग का समापन

लोक के कारण तंत्र है, तंत्र के कारण लोक नहीं : नामदेव

कोरबा। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के द्वारा प्रांतीय अभ्यास वर्ग कोरबा के सरस्वती विद्यालय बुधवारी में आयोजित हुआ। रविवार को इसका समापन हो गया। ओपन ऑडिटोरियम घंटाघर क्षेत्र में दीक्षांत समारोह के दौरान स्वयं सेवकों ने शारीरिक अभ्यास की 45 मिनट तक प्रस्तुति दी।

प्रशिक्षण वर्ग में छत्तीसगढ़ प्रांत के सभी 34 जिलों से कुल 472 शिक्षार्थियों ने 15 दिन अपने घर से दूर रहकर संगठन व समाज हेतु कार्य करने का प्रशिक्षण प्राप्त किये। इनमें डॉक्टर, इंजीनियर, शिक्षक, कृषक से लेकर अशासकीय संगठन और अन्य क्षेत्रों में काम करने वाले लोगों व विद्यार्थी शामिल थे।

दीक्षांत समारोह के अंतर्गत संघ के स्वयंसेवकों ने बिना रुके गणसमता, पदविन्यास, नि:युद्ध, दंड संचालन, दंडयुद्ध, खेल, योगासन, सामूहिक समता की शारीरिक प्रात्मक्षिक प्रस्तुत किये।

मुख्य अतिथि सुभाष त्रिपाठी ने कहा कि भारतीय सेना के लिए पहले राष्ट्र वैसे ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के लिए सबसे पहले राष्ट्र सर्वोपरि है जिन्होंने 100 वर्ष की यात्रा में मानवीय संवेदना के क्षेत्र मे एक अलग पहचान बनाई है इनके जैसा कोई ओर दूसरी संगठन नहीं हो सकता क्योंकि संघ में ही राष्ट्र भक्ति और अनुशासन दिखाई देता है। उन्होंने कहा कि आपदा व अन्य मौके पर संघ के कार्यों की अपनी अलग पहचान है।

आरएसएस के सह प्रांत प्रचारक नारायण नामदेव इस अवसर पर मुख्य वक्ता थे। उन्होंने कहा कि लोक से ही तंत्र संभव है। तंत्र को किसी भी कारण से लोक के लिए जरूरी नहीं समझा जा सकता। उन्होंने आरएसएस की कार्यपद्धति और प्रशिक्षण वर्ग से तैयार होने वाले स्वयं सेवकों की भूमिका को भी रेखांकित किया।

कार्यक्रम में प्रांत संघ चालक टोपलाल वर्मा, जिला संघ चालक डॉ. विशाल उपाध्याय, वर्ग कार्यवाह दिलेश्वर उमरे, सर्व व्यवस्था प्रमुख राजेन्द्र अग्रवाल, उप व्यवस्था प्रमुख रामकिशोर श्रीवास्तव के अलावा कोरबा नगर और जिले के प्रतिनिधि व स्वयं सेवकों की उपस्थिति रही।