शिवांशु को मिला नया जीवन, चिरायु योजना ने ठीक किया जन्मजात क्लबफुट

कोरबा । पोड़ी-उपरोडा क्षेत्र के ब्राम्हिनपारा निवासी शिवांशु पोर्ते (4 वर्ष) के लिए जीवन की शुरुआत आसान नहीं थी। जन्म से ही उनके दाहिने पैर में क्लबफुट नामक जन्मजात विकृति थी, जिसके कारण सामान्य रूप से चलना-फिरना उनके लिए असंभव था। आर्थिक रूप से सामान्य परिवार से ताल्लुक रखने वाले शिवांशु के माता-पिता के लिए यह स्थिति गहरी चिंता का कारण थी। लेकिन राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (RBSK) और चिरायु योजना की सक्रियता ने शिवांशु को नया जीवन दिया।

समय पर पहचान और निःशुल्क इलाज

मई 2023 में, जब शिवांशु मात्र 2 वर्ष का था, RBSK की चिरायु दल क्रमांक 3 ने ग्राम के आंगनबाड़ी में आयोजित स्वास्थ्य परीक्षण शिविर के दौरान उसकी स्थिति की पहचान की। दल ने शिवांशु के माता-पिता को चिरायु योजना के तहत निःशुल्क इलाज की जानकारी दी और उन्हें शासकीय मेडिकल कॉलेज, कोरबा भेजा। वहां हड्डी रोग विशेषज्ञों ने शिवांशु का टेनोटॉमी ऑपरेशन किया, जिसमें लिगामेंट को काटकर पैर को ठीक करने की प्रक्रिया अपनाई गई।

ऑपरेशन के बाद शिवांशु के पैर पर चार बार प्लास्टर चढ़ाया गया और दवाइयों के साथ विशेष जूते भी प्रदान किए गए। इस समर्पित उपचार के परिणामस्वरूप आज शिवांशु का पैर पूरी तरह ठीक हो चुका है, और वह अन्य सामान्य बच्चों की तरह चल-फिर रहा है।

माता-पिता ने जताया आभार

शिवांशु की मां संतोषी प्रधान ने इस सफलता को चिकित्सा विज्ञान और चिरायु योजना की उपलब्धि बताया। उन्होंने कहा, “RBSK और चिरायु योजना की समय पर पहचान और निःशुल्क उपचार ने मेरे बच्चे को नया जीवन दिया। हम जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग और चिरायु टीम के आभारी हैं।” संतोषी ने बताया कि यह योजना न केवल उनके परिवार के लिए, बल्कि उन सभी के लिए वरदान है, जो आर्थिक तंगी के कारण इलाज नहीं करा पाते।

चिरायु योजना का महत्व

यह घटना राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम और चिरायु योजना की प्रभावशीलता को दर्शाती है। समय पर स्वास्थ्य परीक्षण और मुफ्त चिकित्सा सुविधाओं ने न केवल शिवांशु के जीवन को बदला, बल्कि यह भी दिखाया कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच कितनी महत्वपूर्ण है।

जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने इस तरह के शिविरों को और व्यापक करने का संकल्प लिया है, ताकि अन्य बच्चों को भी ऐसी सुविधाओं का लाभ मिल सके। शिवांशु की कहानी उन तमाम परिवारों के लिए प्रेरणा है, जो अपने बच्चों की स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे हैं।