कोरबा वन विभाग में विवाद: SDO संजय त्रिपाठी पर भ्रष्टाचार के आरोप, सोशल मीडिया पर वायरल मीम

कोरबा जिले के वन विभाग में एक बार फिर विवाद सुर्खियों में है। वन विभाग के SDO संजय त्रिपाठी पर भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के गंभीर आरोप लगे हैं। विभागीय कर्मचारी शेखर सिंह ने सोशल मीडिया पर एक मीम पोस्ट कर त्रिपाठी पर निशाना साधा है। मीम में लिखा है, “जिसकी पत्नी कलेक्टर, जो स्वयं प्रभारी DFO रहा और अभी मेरा SDO वही चोर निकला, वाह रे सिस्टम,,,,,परंमतंत्र”। यह पोस्ट सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है, जिसने विभागीय कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

आरोप: RTI में सेटिंग और संरक्षण में ठेकेदारी

शेखर सिंह और अन्य कर्मचारियों का आरोप है कि SDO संजय त्रिपाठी पर विभाग के उच्च अधिकारियों की मेहरबानी बरकरार है, जिसके चलते जांच के बावजूद उनके खिलाफ कोई निर्णायक कार्रवाई नहीं हो रही। कर्मचारियों का कहना है कि त्रिपाठी की कार्यशैली से उन लोगों का मनोबल बढ़ता है, जो उनके संरक्षण में ठेकेदारी और अन्य अनियमित कार्य करते हैं।

सबसे गंभीर आरोप यह है कि त्रिपाठी ने अपने एक मित्र को RTI कार्यकर्ता बना रखा है। यह कार्यकर्ता कथित तौर पर त्रिपाठी द्वारा दी गई विभागीय आंतरिक जानकारी के आधार पर सूचना के अधिकार (RTI) में आवेदन दायर करता है। इसके बाद दोनों मिलकर इन आवेदनों में सेटिंग कर लाभ कमाते हैं। कर्मचारियों का दावा है कि इस तरह की गतिविधियां विभाग में पारदर्शिता और जवाबदेही को कमजोर कर रही हैं।

कर्मचारियों में आक्रोश, कार्रवाई की मांग

विभागीय कर्मचारियों का कहना है कि त्रिपाठी के खिलाफ पहले भी कई शिकायतें दर्ज की गई हैं, लेकिन उच्च अधिकारियों की कथित मेहरबानी के कारण कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। इससे कर्मचारियों में आक्रोश बढ़ रहा है। शेखर सिंह ने अपनी पोस्ट में सिस्टम की कार्यप्रणाली पर तंज कसते हुए इसे ‘परंमतंत्र’ करार दिया है।

वन विभाग पर पहले भी लगे हैं भ्रष्टाचार के आरोप

कोरबा वन विभाग पहले भी भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरा रहा है। हाल ही में कटघोरा वन मंडल के अंतर्गत पाली रेंज में ESIP योजना के तहत मुर्गीपालन कार्य में अनियमितताओं की खबरें सामने आई थीं, जहां लाखों रुपये की राशि का दुरुपयोग होने की बात कही गई थी। इस तरह के मामलों ने विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं।

उच्च अधिकारियों से जवाब की मांग

कर्मचारियों और स्थानीय लोगों ने मांग की है कि SDO संजय त्रिपाठी के खिलाफ लगे आरोपों की निष्पक्ष जांच की जाए और दोषी पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई हो। साथ ही, RTI के दुरुपयोग और विभागीय सांठगांठ के आरोपों की भी गहन जांच की जरूरत है।

वन मंडलाधिकारी, कटघोरा से इस मामले पर संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उनकी ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं मिल सका।

निष्कर्ष

कोरबा वन विभाग में SDO संजय त्रिपाठी के खिलाफ लगे भ्रष्टाचार और RTI सेटिंग के आरोपों ने एक बार फिर प्रशासनिक पारदर्शिता पर सवाल उठाए हैं। सोशल मीडिया पर वायरल मीम और कर्मचारियों का आक्रोश इस मामले को और गंभीर बना रहा है। अब देखना होगा कि विभाग और उच्च अधिकारी इस मामले में क्या कदम उठाते हैं।