कृषि कॉलेज में कार्यशाला आयोजित की गई

मधुमक्खी पालन पर तकनीकी जानकारी मिली छात्रों को

कोरबा। मधुमक्खियां किस पद्धति से अपना छत्ता बनाती है और फिर वह कौन सी तकनीक होती है जो मधुरस या शहद बनाने में सहायक होती है। कटघोरा के सरकारी कृषि कॉलेज में एक दिन की कार्यशाला में मधुमक्खि पालन विषय पर विद्यार्थियों को इस बारे में तकनीकी और रोचक जानकारी मिली। विशेषज्ञों से मिले मार्गदर्शन से विद्यार्थी खुश हुए। 


कृषि क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ाने व नवाचार पर यह कार्यशाला केन्द्रित थी। कृषि विवि के प्रमुख डॉ. हुलास पाठक यहां मुख्य वक्ता थे। उन्होंने  सभी छात्रों से उनके विषय तथा नवाचार एवं एंटरप्रेन्योरशिप के संबंध में जानकारी ली।

उन्होंने नए आइडिया और उस पर काम करने की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस दिशा में काम करने से अच्छे मौके मिल सकते हैं और आपकी आमदनी बढ़ सकती है। उन्होंने एक सत्र में छात्राओं की समस्याओं का समधान भी किया।

डॉ. दुष्यंत कौशिक ने कार्यशाला के उपरांत प्रोफेसर श्री पाठक को कृषि महाविद्यालय में अध्ययनरत चतुर्थ वर्ष में पंजीकृत छात्रों के लिए तैयार किया गया। मधुमक्खी पालन इकाई को दिखाया गया एवं वहां से मधुरस निकलना, मधुरस के अतिरिक्त अन्य उत्पाद तैयार करना और बी हाइ कैसे निकाला जाता है इस पूरी प्रक्रिया को सजीव प्रदर्शन कर विस्तृत रूप से समझाया गया।

मधुमक्खी पालन के संबंध में विशेष रूप से रूबी, सौम्या, नवीन, बिना, स्वाति और अन्य छात्रों के कार्य के प्रति समर्पण को भी बताया गया।

कार्यशाला के आयोजन में मुख्य योगदान डॉ. रोशन भारद्वाज, डॉ. साधना साहा, साइना सिद्दीकी, डीपी पटेल सहित समस्त स्टाफ तथा छात्रों का रहा।