बिलासपुर । बिलासपुर में जहर खाकर आत्महत्या करने वाले व्यक्ति की मौत को सर्पदंश बताकर मृतक के परिजनों ने 3 लाख रुपये का मुआवजा हासिल कर लिया। अब इस मामले में फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद पुलिस ने वकील, डॉक्टर और मृतक के परिजनों के खिलाफ IPC की धारा 420 के तहत केस दर्ज किया है।
एसपी रजनेश सिंह ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि यह सामाजिक सुरक्षा निधि के दुरुपयोग से जुड़ा एक गंभीर मामला है। जांच के दौरान पाया गया कि मृतक को जहर खाने के बाद सिम्स अस्पताल में भर्ती किया गया था, जहां इलाज के दो दिन बाद उसकी मौत हो गई। लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण सर्पदंश बताया गया, जिससे परिजनों को सरकारी मुआवजा मिल गया।
जांच में खुला फर्जीवाड़े का राज
सर्पदंश से जुड़ी शिकायतों की नियमित जांच के दौरान पुलिस को यह मामला संदिग्ध लगा। बारीकी से छानबीन करने पर पता चला कि मौत का कारण वास्तव में जहर था, न कि सर्पदंश। इसके बाद पुलिस ने रिपोर्ट में गड़बड़ी करने वाले डॉक्टर, दस्तावेज तैयार करने में मदद करने वाले वकील और मृतक के परिजनों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया।
फर्जीवाड़े में धोखाधड़ी सहित कई धाराएं लगाईं
पुलिस ने इस मामले में धोखाधड़ी और अन्य संबंधित धाराओं के तहत आपराधिक मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। प्रशासन अब इस बात की भी जांच कर रहा है कि क्या इसी तरह के अन्य मामले भी बीते समय में सामने आए हैं।
एसपी ने चेतावनी दी है कि ऐसे मामलों में शून्य सहनशीलता की नीति अपनाई जाएगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
Editor – Niraj Jaiswal
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