खंभे और पेड़ गिरे तारों पर, दूसरे दिन भी अंधेरे के आगोश में डूबे कई इलाके

लोगों का आरोप-पक्षपातपूर्ण रवैय्या रहा सीएसईबी का

कोरबा। दिया तले अंधेरा वाली कहावत कोरबा पॉवर सिटी के मामले में एक बार फिर सच साबित हुई। जिले के साथ-साथ प्रदेश के लिए लगभग 4 हजार मेगावाट बिजली का उत्पादन करने वाले पॉवर हब कोरबा में बिगड़े मौसम के कारण बनी समस्या से कई इलाके अंधेरे के आगोश में डूब गए। हैरानी की बात यह रही कि इस तरह की स्थिति लगभग 35 घंटे से बनी रही। लोग जमकर परेशान हुए। लोगों का आरोप है कि समस्या का निराकरण करने के मामले में सीएसईबी का रवैय्या पक्षपातपूर्ण रहा।

कोरबा के हाउसिंग बोर्ड कालोनी रामपुर में एक जर्जर बिजली खंभा के गिर जाने के कारण वहां की विद्युत आपूर्ति शनिवार से ठप पड़ गई। इसे रविवार को भी बहाल नहीं किया जा सका। इस वजह से इस इलाके में जलापूर्ति नहीं हो सकी। लोगों को पानी के लिए या तो मेहनत करनी पड़ी या फिर दूसरे विकल्पों पर रुपए खर्च करने पड़े। तुलसीनगर जोन के कई इलाकों में विकराल स्थिति पेश आई।

दर्री रोड इलाके में रविवार की दोपहर बिजली आपूर्ति बहाल हो सकी जबकि पॉवर हाऊस रोड में शाम तक लोग बिजली की प्रतिक्षा करते रहे। स्थिति यह रही कि अभिनंदन और एसएस प्लाजा काम्पलेक्स बिजली के चक्कर में बंद रहे जबकि मुख्य मार्ग के व्यवसायिक स्थल या तो बंद रहे या कुछ घंटे बाद उन्हें बंद करना पड़ा।

लोगों को बताया गया कि लाइन पर पेड़ गिरने से दिक्कतें है और नगर निगम से रेस्क्यू के लिए संसाधन नहीं मिल सका है। ट्रांसपोर्ट नगर इंदिरा कामर्शियल आवासीय परिसर के लोगों का आरोप है कि वहां भी दूसरे दिन बिजली नहीं पहुंची।

वितरण कंपनी के अधिकारियों ने मोबाइल रिसीव करना जरूरी नहीं समझा और न बताया कि बिजली कब तक आएगी। शहर के अन्य क्षेत्रों के अंधेरे में डूबने से लोगों ने सीएसईबी पर जमकर भड़ास निकाली।

मुड़ापार, पुरानी बस्ती में कई पेड़ जड़ से उखड़ गए और विद्युत लाइन के साथ-साथ घरों की दीवार पर गिर गए।

इससे काफी नुकसान हुआ। वहीं मानिकपुर इलाके में सरकारी राशन दुकान के छज्जे तेज अंधड़ को बर्दाश्त नहीं कर सके। संचालक को इस घटना में काफी नुकसान हुआ है।