अक्षय तृतीया कल : दुर्लभ संयोग में मंगल कार्य और पूजा-पाठ की तैयारी

कोरबा। वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर अक्षय तृतीया का पर्व 30 अप्रैल, बुधवार को कोरबा में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। इस दिन मां लक्ष्मी की आराधना, वैवाहिक कार्यक्रम, सोने-चांदी की खरीदारी और अन्य मंगल कार्यों के लिए विशेष मुहूर्त है। इस वर्ष अक्षय तृतीया पर दुर्लभ संयोग बन रहा है, जिसमें बुधवार, रोहिणी नक्षत्र, शोभन योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग एक साथ होंगे।

दुर्लभ संयोग और इसका महत्व

ज्योतिषविद पंडित सतीश शुक्ल के अनुसार, तृतीया तिथि 29 अप्रैल को रात 11:47 बजे शुरू होगी और 30 अप्रैल को रात 9:37 बजे तक रहेगी। उदया तिथि के आधार पर अक्षय तृतीया 30 अप्रैल को मनाई जाएगी। इस दिन बनने वाला दुर्लभ संयोग शुभ कार्यों के लिए अक्षय फलदायी माना जा रहा है। मान्यता है कि इस दिन किए गए दान, जप, तप, हवन और पूजा-पाठ से सुख, समृद्धि और शांति प्राप्त होती है। धार्मिक दृष्टिकोण से अक्षय तृतीया को युगादि तिथि भी कहा जाता है, जो जीवन में उन्नति और समृद्धि के द्वार खोलती है।

श्रद्धालुओं में उत्साह, तैयारियां शुरू

कोरबा में श्रद्धालुओं ने अक्षय तृतीया की तैयारियां दो दिन पहले से शुरू कर दी हैं। इस विशेष मुहूर्त में लोग वैवाहिक आयोजनों, सोने-चांदी के आभूषणों की खरीदारी, भू-खंड की खरीद और अन्य मंगल कार्यों की योजना बना रहे हैं। मां लक्ष्मी की पूजा के लिए मंदिरों और घरों में विशेष आयोजन किए जा रहे हैं।

धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व

अक्षय तृतीया को मां लक्ष्मी की आराधना का विशेष दिन माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन पूजा-पाठ करने से कामनाओं की पूर्ति होती है और परिवार में सुख-शांति बनी रहती है। इस पर्व पर किए गए शुभ कार्य जीवन में स्थायी समृद्धि और खुशहाली लाते हैं।

कोरबा के निवासियों में इस पर्व को लेकर उत्साह चरम पर है। ज्योतिषियों का कहना है कि इस दुर्लभ संयोग का लाभ उठाने के लिए लोग पूजा, दान और शुभ कार्यों पर विशेष ध्यान दे रहे हैं।