हसदेव नहर मरम्मत में देरी, 36 करोड़ स्वीकृत होने के बाद भी जर्जर हालत में 63 किमी नहर

कोरबा जिले में हसदेव दायीं और बायीं तट नहरों की जर्जर स्थिति के बावजूद मरम्मत कार्य शुरू नहीं हो सका है, जबकि शासन ने एक साल पहले इसके लिए 36 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान की थी। 45 किमी लंबी दायीं तट नहर और 18 किमी लंबी बायीं तट नहर जगह-जगह से क्षतिग्रस्त है, जिससे मुख्य मार्गों पर कटाव और बस्तियों में जलभराव का खतरा बना हुआ है।

नहर की बदहाल स्थिति

हसदेव नहर की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। दायीं तट नहर (45 किमी) और बायीं तट नहर (18 किमी) के प्लिंथ और साइड स्लैब कई स्थानों पर जर्जर हो चुके हैं। कुछ क्षेत्रों में नहर मुख्य मार्गों से होकर गुजरती है, जहां कटाव की स्थिति बनी हुई है। तुलसी नगर, राताखार, सर्वमंगला और संजय नगर नहर मार्ग पर भारी वाहनों का आवागमन नहर को और नुकसान पहुंचा रहा है।

पिछले छह वर्षों से नहर की मरम्मत नहीं होने से समस्या गंभीर हो गई है। बीते दो वर्षों में दो बार नहर ढहने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। पिछले साल सीतामढ़ी के पास नहर ढहने से बस्ती में पानी भर गया था, वहीं उमरेली के निकट शाखा नहर के ध्वस्त होने से 46 हेक्टेयर फसल बर्बाद हो गई थी। इन स्थानों पर अभी तक स्थायी मरम्मत नहीं की गई है।

फंड स्वीकृति के बाद भी देरी

शासन ने नहर मरम्मत के लिए पिछले साल 36 करोड़ रुपये स्वीकृत किए थे। इसमें दायीं तट नहर के 6 से 37 किमी तक के सुधार के लिए 14 करोड़ रुपये और बायीं तट नहर के 5 से 18 किमी तक के लिए 22 करोड़ रुपये की मंजूरी शामिल थी। बावजूद इसके, मरम्मत कार्य शुरू नहीं हो सका है। विभागीय अधिकारियों ने इस संबंध में जानकारी देने से इनकार कर दिया, जिससे स्थानीय लोगों में नाराजगी बढ़ रही है।

स्थानीय लोगों और किसानों की परेशानी

नहर की जर्जर हालत का असर न केवल सिंचाई पर पड़ रहा है, बल्कि मुख्य मार्गों और आसपास की बस्तियों पर भी खतरा मंडरा रहा है। वर्तमान में रबी फसल के लिए नहर से पानी की आपूर्ति की जा रही है, लेकिन क्षतिग्रस्त संरचना के कारण पानी का रिसाव और नुकसान हो रहा है। किसानों का कहना है कि समय पर मरम्मत न होने से भविष्य में और बड़े नुकसान की आशंका है।

प्रशासन से मांग

स्थानीय निवासियों और किसानों ने जल संसाधन विभाग से तत्काल मरम्मत कार्य शुरू करने की मांग की है। साथ ही, नहर के स्थायी सुधार, नियमित रखरखाव और भारी वाहनों के आवागमन पर नियंत्रण की जरूरत पर जोर दिया है। लोगों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो स्थिति और बिगड़ सकती है।