छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने पाली हत्याकांड मामले में मृतक के परिजनों और भाजपा नेता को दी गिरफ्तारी से राहत

बिलासपुर/कोरबा। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने कोरबा जिले के सरायपाली कोयला खदान क्षेत्र में हुए हत्याकांड के मामले में मृतक रोहित जायसवाल के परिजनों, भाजपा जिला उपाध्यक्ष संजय भावनानी सहित अन्य को बड़ी राहत प्रदान की है। हाईकोर्ट ने इनके खिलाफ दर्ज FIR में गिरफ्तारी पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है।

घटना 28 मार्च 2025 की रात कोरबा के SECL सरायपाली परियोजना खदान क्षेत्र में कोयला लोडिंग को लेकर हुए विवाद के दौरान हुई, जिसमें कोयला ट्रांसपोर्टर रोहित जायसवाल की हत्या कर दी गई। मृतक के भाई अनिल जायसवाल की शिकायत पर रोशन सिंह ठाकुर सहित 16 लोगों, जिनमें SECL के सब एरिया मैनेजर सुरेंद्र सिंह चौहान भी शामिल हैं, के खिलाफ पाली थाने में मामला दर्ज किया गया। दूसरी ओर, रोशन सिंह ठाकुर की मां संध्या ठाकुर ने रोहित के परिजनों, संजय भावनानी और अन्य के खिलाफ तोड़फोड़, आगजनी जैसे आरोपों में गैर-जमानती धाराओं के तहत FIR दर्ज कराई।

याचिकाकर्ताओं के वकील धीरज कुमार वानखेड़े ने हाईकोर्ट में तर्क दिया कि यह FIR प्रतिशोध और दबाव बनाने की रणनीति के तहत दर्ज की गई, जिसमें हत्या के चश्मदीद और प्रत्यक्षदर्शी भी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि बाद में चार और FIR (116/2025, 117/2025, 118/2025, 127/2025) याचिकाकर्ताओं और उनके वकीलों पर दबाव बनाने के लिए दर्ज की गईं।

मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति अरविंद कुमार वर्मा की खंडपीठ ने सुनवाई के बाद राहुल जायसवाल, कन्हैया जायसवाल, अनिल जायसवाल, धर्मराज मरावी, संजय भावनानी और राजेश डोंगरे की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी। कोर्ट ने शिकायतकर्ता संध्या ठाकुर को नोटिस जारी कर तीन सप्ताह में जवाब मांगा है। अगली सुनवाई तक या पुलिस की अंतिम रिपोर्ट दाखिल होने तक गिरफ्तारी पर रोक रहेगी, बशर्ते याचिकाकर्ता जांच में सहयोग करें।

प्रकरण में छत्तीसगढ़ सरकार, पुलिस महानिदेशक, बिलासपुर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक, कोरबा पुलिस अधीक्षक और पाली थाना प्रभारी प्रतिवादी हैं।