केन्द्रीय चिकित्सालय में कई खामियां मिली वेलफेयर बोर्ड को

कोरबा। एसईसीएल के मुख्य चिकित्सालय का वेलफेयर बोर्ड की टीम ने निरीक्षण किया। इस दौरान टीम ने पाया कि अस्पताल में विशेषज्ञ चिकित्सकों और स्वास्थ्यकर्मियों की बड़ी कमी है। टीम ने यहां के प्रभारी से पूछा जब मरीजों को आप रेफर कर रहे है तो इस अस्पताल का क्या मतलब है।


30 साल पुराने प्रमुख विभागीय मुख्य चिकित्सालय में बुनियादी सुविधाओं का भी अभाव मिला। दंत-चिकित्सक विभाग में चिकित्सक तो हैं, लेकिन उनके लिए कुर्सी और आवश्यक उपकरण नहीं हैं। मरीज वार्ड में सीपेज की समस्या है। मरीजों के बिस्तर भी जंग लगने से खराब हो चुके हैं। अग्निसुरक्षा के नाम पर केवल औपचारिकता दिखी।फायर टैंक लगे हैं, लेकिन उन पर न तो कोई तारीख अंकित है और न ही उनका रखरखाव किया जा रहा है।


वेलफेयर बोर्ड सदस्य अशोक यादव के अनुसार कर्मचारियों को इलाज के लिए बाहर रेफर किया जा रहा है। रिफंड में देरी होने से उन्हें आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कॉलोनी में सीवरेज और पानी की विकट समस्या है।

नगर निगम ने गंदगी के कारण एसईसीएल पर 25,000 रुपए का जुर्माना भी लगाया है। सफाई पर करोड़ों रुपए खर्च करने के बावजूद स्थिति में सुधार नहीं हुआ है।

बोर्ड ने नागपुर में हुई बैठक अंतर्गत सुपर स्पेशलिस्ट अस्पताल की मांग रखी है। साथ ही ठेका कर्मचारियों को चिकित्सा कार्ड उपलब्ध कराने मांग की गई है।

निरीक्षण टीम में अशोक यादव, शंकर बेहरा, पीसी पांडे, टिकेश्वर सिंह राठौर सहित अन्य सदस्य शामिल थे। बोर्ड के सदस्य यशवंत सिंह राठौर ने बताया कि कॉलोनी में सीवरेज और पानी की समस्या बनी हुई है।