कोरबा। नवरात्र पर्व के दौरान देवी दर्शन के लिए डोंगरगढ़ जाने वाले श्रद्धालुओं को एक बार फिर सीधी ट्रेन सेवा न मिलने से निराशा हाथ लगी है। हर साल की तरह इस बार भी रेल संघर्ष समिति ने कोरबा से डोंगरगढ़ तक सीधी ट्रेन सेवा की मांग उठाई, लेकिन रेलवे प्रशासन ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया। मां सर्वमंगला की नगरी कोरबा और मां बम्लेश्वरी की नगरी डोंगरगढ़ को सीधे जोडऩे वाली ट्रेन सेवा की मांग वर्षों से की जा रही है। धार्मिक आस्था के केंद्र इन दोनों नगरों के बीच श्रद्धालुओं को यात्रा में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
वर्तमान में कोरबा से चलने वाली एक्सप्रेस ट्रेनों का समय ऐसा है कि एक ट्रेन आधी रात को डोंगरगढ़ पहुंचती है और दूसरी शाम को। इसके चलते यात्रियों को कई घंटों तक इंतजार करना पड़ता है या फिर दो-तीन दिन का समय व्यर्थ हो जाता है।
रायपुर से डोंगरगढ़ के बीच कई ट्रेनें उपलब्ध हैं, लेकिन कोरबा से रायपुर जाने वाली ट्रेनों का समय तालमेल नहीं खाता है। कोरबा से चलने वाली हसदेव एक्सप्रेस और सुबह 8:15 बजे रवाना होने वाली पैसेंजर ट्रेन का रायपुर में डोंगरगढ़ जाने वाली ट्रेनों से कोई कनेक्शन नहीं होता।
पहले गेवरारोड-रायपुर पैसेंजर सुबह 6.50 बजे रवाना होकर रायपुर 11:15 बजे पहुंचती थी। यही ट्रेन रायपुर से डोंगरगढ़ के लिए रवाना होती थी, जिससे कोरबा के श्रद्धालुओं को डोंगरगढ़ पहुंचने में सहूलियत मिलती थी।
लेकिन रेलवे ने मरम्मत कार्य का हवाला देकर करीब दो साल पहले इस सेवा को बंद कर दिया, जिससे श्रद्धालु बेहद परेशान हैं। उनमे रोष भी व्याप्त हैं।
रेल संघर्ष समिति के संरक्षक रामकिशन अग्रवाल, मनोज अग्रवाल और अंकित सावलानी ने बताया कि कोरबा से डोंगरगढ़ के बीच सीधी ट्रेन सेवा की मांग वर्षों से की जा रही है। रेलवे अधिकारी कई बार आश्वासन देते हैं, लेकिन फाइलों में मांग पत्र दबा दिए जाते हैं।
समिति पदाधिकारियों ने कहा कि रेल प्रशासन कोरबा के लोगों को बेहतर ट्रेन सुविधा प्रदान करने में रुचि नहीं रखता है। इससे जिले में नाराजगी और रोष व्याप्त हैं।
Editor – Niraj Jaiswal
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