प्रदेश में भारी वाहन चालकों की आंखों की जांच के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा। यह अभियान 23 से 28 दिसंबर तक नेशनल हाईवे पर स्थित टोल प्लाजा में चलेगा। इन्हीं स्थानों पर ड्राइवरों की आंखों की जांच की जाएगी। चश्मा नंबर लगने पर सामान्य नंबर का चश्मा मौके पर दिया जाएगा।
वहीं, गंभीर समस्या होने पर अंबेडकर समेत बड़े अस्पतालों में भर्ती कर इलाज किया जाएगा। हैल्थ डायरेक्टर सह कमिश्नर डॉ. प्रियंका शुक्ला ने मंगलवार को एक आदेश जारी कर कहा कि जांच की रिपोर्ट 31 दिसंबर तक भेजना अनिवार्य होगा। जिन जिलों में टोल प्लाजा है, वहां 5 नेत्र सहायकों की ड्यूटी लगाई जानी है।
सुबह 10 से शाम 4 बजे तक नेत्र परीक्षण किया जाएगा। 6 दिनों तक चलने वाले नेत्र परीक्षण में सभी ड्राइवर कवर हो पाएंगे, संभव नहीं लगता। जानकारों के अनुसार, ड्राइवरों की आंखों की जांच साल में कम से चार से पांच बार होनी चाहिए।
कई ड्राइवरों को कलर विजन की समस्या
दरअसल, कई ड्राइवर की आंखें कमजोर होती हैं। इस कारण भी सड़क दुर्घटना होती हैं। उन्हें चश्मे लगाने की भी जरूरत होती है, वे भी नहीं लगाते। कई ड्राइवरों को कलर विजन की समस्या होती है। ऐसे में वे कलर नहीं पहचान पाते। सिग्नल का कलर नहीं पहचानने से भी दुर्घटना हो सकती है। नेत्र रोग विशेषज्ञों के अनुसार, 40 या इससे अधिक उम्र के लोगों को सालभर में एक बार आंख की जांच जरूर करानी चाहिए।
Editor – Niraj Jaiswal
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