गांव के नजदीक हैवी ब्लास्टिंग, नाराज ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन

ऊर्जाधानी संगठन ने कहा-ग्रामीणों के अधिकार की व्यवस्था करना एसईसीएल का दायित्व

कोरबा-गेवरा। ऊर्जाधानी भू-विस्थापित किसान कल्याण समिति संगठन की अगुवाई में एसईसीएल गेवरा खदान में हैवी ब्लास्टिंग से नाराज ग्रामीणों ने गेवरा खदान में प्रदर्शन किया। ग्रामीणों ने खदान में हो रहे हैवी ब्लास्टिंग को भी बंद कराया जिससे एसईसीएल कार्य प्रभावित हुआ।


गौरतलब है कि एसईसीएल की मेगा परियोजना गेवरा के लिए ग्राम अमगांव की दर्राखांचा, जोकाही डबरी की जमीन अधिग्रहित की गई है पर इस जमीन में दीपका खदान द्वारा उत्खनन का कार्य किया जा रहा है। गांव के नजदीक हैवी ब्लास्टिंग कर कोयला उत्खनन करने पर ग्रामीणों का घरों में रहना मुश्किल हो रहा है।

सांकेतिक विरोध के बाद भी प्रबंधन ने हैवी ब्लास्टिंग बंद नहीं किया तो ग्रामीणों में नाराजगी व्याप्त हो गई।

ऊर्जाधानी भू-विस्थापित किसान कल्याण समिति के अध्यक्ष सपुरन कुलदीप, कमेटी सदस्य अनुसूईया राठौर, ललित महिलांगे, बसंत कुमार कंवर, रविंद्र जगत, ग्राम पंच अमृता यादव की अगुवाई में आंदोलन किया गया। ग्राम पंचायत अमगांव फेस पर खदान मुहाने पर पंडाल लगाकर अपने सात सूत्रीय मांगों को नारेबाजी की और हैवी ब्लास्टिंग को बंद कर कर प्रदर्शन किया।

ऊर्जाधानी भू-विस्थापित किसान कल्याण समिति के अध्यक्ष सपुरन कुलदीप ने बताया कि गेवरा और दीपका क्षेत्र के ग्राम अमगांव दर्राखांचा, जोकाही डबरी मलगांव में हैवी ब्लास्टिंग के कारण आमजनों को परेशानी हो रही है। घरों से महज 10 से 20 मीटर दूरी तक खदान विस्तार किया जा चुका है और यहां पर घेराबंदी भी नहीं किया गया है।

हैवी ब्लास्टिंग से घरों तक पत्थर गिरने, छत टूटने, मकान में दरार आने की शिकायत आ रही है। इस दौरान उमा राठौर, राकेश्वरी अशोक, राधा राजवाड़े, धनीराम वेदकुंवर, प्रीतम मुरलीधर, नंदिनी, मनोरमा, प्रेम राठौर, राजकुमार, ममता, पितर बाई सहित बड़ी संख्या में ग्रामवासी उपस्थित रहे।