कोरबा। करतला विकासखंड के ग्राम कनकी के अलग-अलग स्थानों विदेशी एशियन बिल स्टार्क पक्षी की मौत हो रही है। अब तक चालीस से भी अधिक पक्षियों की मौत हो चुकी है। स्थानीय ग्रामीणों ने इसकी सूचना वन विभाग को दी है।
पक्षियाें के लिए अनुकूल वातावरण होने से वन विभाग ने कनकी समेत आसपास को संरक्षित क्षेत्र घोषित किया है। प्रति वर्ष जुलाई से अगस्त माह के बीच अंडे से चूजे निकल आते हैं। अक्टूबर नवंबर तक ये उड़ान भरने योग्य होने पर ये वापस चले जाते हैंं। पिछले दो तीन दिनों से पक्षी पेड़ से गिर रहे हैं। उड़ान भरने में असमर्थ पक्षी असुरक्षित है।
प्रथम दृष्टया में पक्षियाें में बीमारी फैलने की आशंक नजर आ रही है। गांव अन्य स्थानों में विविध वृक्ष हैं लेकिन अधिकांश पक्षी शिव मंदिर परिसर के पेड़ों में ही अपना घोसला बनाते हैं। धान की फसल को नुकसान पहुंचाने वाले कीटों को भी ये नष्ट कर किसानों के लिए सहयोगी होते हैं।
प्रवासी पक्षी एशियन ओपन बिल स्टार्क भारत उपमहाद्वीप के साथ-साथ दक्षिण पूर्व एशिया के श्रीलंका, म्यामार, मलेशिया, फिलिंपिंस, सिंगापुर से यहां उड़ान भरकर आते हैं। भारत में इसे घोघिंल के नाम से जाना जाता है। कनकी में बड़ी संख्या में पीपल, इमली के पेड़ हैं, जिसमें पक्षियों ने घोसला बनाया है।
पक्षियों के मौत के संबंध में पूछे जाने पर करतला वन परिक्षेत्राधिकारी सूर्यकांत सोनी ने बताया कि परीक्षण के बाद ही वास्तविकता का पता चल पाएगा। पक्षियाें की सुरक्षा के लिए विभाग की ओर से हर संभव प्रयास किया जा रहा है।
Editor – Niraj Jaiswal
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