भू-विस्थापितों का 13 अगस्त को कटघोरा एसडीएम कार्यालय का घेराव, रोजगार और पुनर्वास की मांग

घेराव को सफल बनाने के लिए गांव गांव में बैठक, पीड़ित भू विस्थापित किसानों को किया जा रहा है एकजुट

कोरबा। छत्तीसगढ़ किसान सभा और भू विस्थापित रोजगार एकता संघ ने बरसों पुराने भूमि अधिग्रहण के बदले लंबित रोजगार प्रकरण,मुआवजा, पूर्व में अधिग्रहित जमीन वापसी, प्रभावित गांव के बेरोजगारों को खदान में काम देने,पुनर्वास गांव में बसे भू विस्थापितों को काबिज भूमि का पट्टा देने के साथ 9 सूत्रीय मांगो को लेकर 13 अगस्त को कटघोरा एसडीएम कार्याल घेराव की घोषणा की है।

जिला प्रशासन और एसईसीएल के आश्वासन से थके भूविस्थापितों ने किसान सभा के नेतृत्व में अब आर-पार की लड़ाई लड़ने का मन बना लिया है। आंदोलन को सफल बनाने की तैयारी को लेकर गांव गांव में बैठक आयोजित की जा रही है।

13 अगस्त को कटघोरा एसडीएम कार्याल घेराव को सफल बनाने के लिए 1378 दिनों से चल रहे धरना स्थल में भू विस्थापित रोजगार एकता संघ के अध्यक्ष रेशम यादव, दामोदर श्याम,रघु यादव किसान सभा के जवाहर सिंह कंवर,दीपक साहू,सुमेंद्र सिंह,जय कौशिक की उपस्थिति में बैठक हुई बैठक में आंदोलन को सफल बनाने के लिए जिले के सभी भू विस्थापितों से अपील की गई है।

किसान सभा के प्रदेश संयुक्त सचिव प्रशांत झा ने कहा कि 40-50 वर्ष पहले कोयला उत्खनन के लिए किसानों की हजारों एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया गया था, लेकिन इसके बाद भी किसी सरकार ने जिला प्रशासन और खुद एसईसीएल ने विस्थापित परिवारों की कभी सुध नहीं ली।

आज भी हजारों भूविस्थापित किसान जमीन के बदले रोजगार और बसावट के लिए संघर्ष कर रहे हैं। इस क्षेत्र में जिला प्रशासन की मदद से एसईसीएल ने अपने मुनाफे का महल किसानों और ग्रामीणों की लाश पर खड़ा किया है। किसान सभा इस बर्बादी के खिलाफ भूविस्थापितों के चल रहे संघर्ष में हर पल उनके साथ खड़ी है।

किसान सभा के जिला सचिव दीपक साहू ने कहा कि जमीन अधिग्रहण करना हो या गांव खाली कराना जिला प्रशासन एसईसीएल के साथ खड़ी रहती है लेकिन जमीन अधिग्रहण और गांव खाली कराने के बाद रोजगार और पुनर्वास दिलाने के नाम पर जिला प्रशासन गंभीरता से पहल नहीं करता है जिसके कारण रोजगार और पुनर्वास से संबंधित कई प्रकरण सालों से लंबित है और भू विस्थापित किसान कार्यालयों के चक्कर काट कर थक गए है इसलिए भू विस्थापितों को अपने अधिकार को पाने के लिए सड़कों पर उतर कर संघर्ष करने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है।

5 जून 2025 और कई बार अनुविभागीय अधिकारी कटघोरा की उपस्तिथि में कुसमुंडा में पहले भी बैठक हुई और जल्द समस्याओं का समाधान का आश्वासन कटघोरा एसडीएम द्वारा दिया गया लेकिन आज तक कई फाइल दीपका तहसील,कटघोरा एसडीएम कार्यालय और कलेक्ट्रेट में सालों से पड़ी हुई है जिस पर जिला प्रशासन गंभीरता से पहल नहीं कर रही है जिसके कारण कई भू विस्थापितों के रोजगार प्रकरणों का निराकरण नहीं हो पा रहा है।

कटघोरा एसडीएम कार्याल घेराव की तैयारी ने जोर पकड़ लिया है आंदोलन को भू विस्थापितों का व्यापक जनसमर्थन मिल रहा है।किसान सभा के अध्यक्ष जवाहर सिंह कंवर, सुमेन्द्र सिंह कंवर,जय कौशिक,रमेश दास,राजकुमारी बिंझवार,देव कुंवर आदि ने कहा कि पुराने लंबित रोजगार, बसावट, पुनर्वास गांव में पट्टा, किसानों की जमीन वापसी एवं अन्य समस्याओं को लेकर एसईसीएल गंभीर नहीं है और भू विस्थापितों के साथ धोखाधड़ी कर रही है। इसलिए किसान सभा और भू विस्थापित संगठनों को मिलकर संघर्ष तेज करना होगा, ताकि सरकार और एसईसीएल की नीतियों के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ी जा सके।

किसान सभा के अध्यक्ष जवाहर सिंह कंवर, सुमेन्द्र सिंह कंवर,जय कौशिक,रमेश दास,राजकुमारी बिंझवार,देव कुंवर आदि ने कहा कि पुराने लंबित रोजगार, बसावट, पुनर्वास गांव में पट्टा, किसानों की जमीन वापसी एवं अन्य समस्याओं को लेकर एसईसीएल गंभीर नहीं है और भू विस्थापितों के साथ धोखाधड़ी कर रही है। इसलिए किसान सभा और भू विस्थापित संगठनों को मिलकर संघर्ष तेज करना होगा, ताकि सरकार और एसईसीएल की नीतियों के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ी जा सके।

प्रमुख मांगें:
लंबित रोजगार प्रकरणों का तत्काल निराकरण।

पुनर्वास गांवों में भू-विस्थापितों को काबिज जमीन का पट्टा।

अधिग्रहित जमीन की वापसी।प्रभावित गांवों के बेरोजगारों को खदानों में रोजगार।

दीपका तहसील, कटघोरा एसडीएम कार्यालय, और कोरबा कलेक्ट्रेट में रुकी फाइलों का शीघ्र निपटारा।

आंदोलन को भू-विस्थापितों का व्यापक जनसमर्थन मिल रहा है, और 13 अगस्त को कटघोरा एसडीएम कार्यालय के घेराव की तैयारियां जोरों पर हैं।