रायपुर । छत्तीसगढ़ में फर्जी सर्टिफिकेट के जरिये नौकरी पाने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों की जांच तेज हो गई है। इसी सिलसिले में मुंगेली जिले के पांच शिक्षकों के खिलाफ भी फर्जी दिव्यांग सर्टिफिकेट का प्रकरण सामने आया है। इस मामले में जांच के आदेश दिए गए थे और ताजा अपडेट के अनुसार, अब इन पांचों शिक्षकों को अपनी दिव्यांगता को प्रमाणित करने के लिए रायपुर के मेडिकल कॉलेज अस्पताल के मेडिकल बोर्ड के समक्ष उपस्थित होना पड़ेगा।
मुंगेली के जिला शिक्षा अधिकारी ने पांचों शिक्षकों को पत्र लिखकर सूचित किया है कि उन्हें 27 अगस्त को रायपुर पहुंचकर डॉ. भीमराव आंबेडकर अस्पताल में सुबह 8 बजे मेडिकल बोर्ड के सामने पेश होना है। इनमे इनमें टेक सिंह राठौर व्याख्याता शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बाघमार, लोरमी, नरहरि सिंह सहायक विज्ञान शिक्षक शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय अखरार, लोरमी, रविन्द्र कुमार गुप्ता व्याख्याता शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय खपरीकला लोरमी, मनीष राजपूत शिक्षक शासकीय पूर्व माध्यमिक स्कूल लाखासार लोरमी शामिल हैं।
इन शिक्षकों को निर्धारित तिथि और समय पर रायपुर के मेडिकल बोर्ड के सामने उपस्थित होना अनिवार्य है। यदि इनकी दिव्यांगता प्रमाणित नहीं होती है, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सकती है।
इस मामले ने राज्य में फर्जी सर्टिफिकेट के जरिये नौकरी हासिल करने के मामलों को उजागर किया है, और इससे सरकारी तंत्र में फर्जीवाड़े की संभावनाओं को लेकर चिंता बढ़ गई है। जांच के नतीजों पर सभी की नजरें टिकी हैं।
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