केराकछार में आकाशीय बिजली गिरने से 20 मवेशियों की मौत, बाल-बाल बचा चरवाहा

कोरबा। कोरबा जिलान्तर्गत ग्राम केराकछार में आकाशीय बिजली गिरने से 20 मवेशियों की मौत हो गई। जबकि घटनास्थल से थोड़ी दूर होने के कारण चरवाहा बाल-बाल बच गया। उक्त घटना में करीब एक दर्जन किसानों को भारी नुकसान हुआ है। सूचना पर पहुंची पुलिस ने मौके का निरीक्षण किया। तत्पश्चात पोस्टमार्टम के लिए पशु चिकित्सा विभाग को पत्राचार कर चिकित्सक भेजने कहा गया है।


जानकारी के अनुसार कोरबा जिला मुख्यालय से करीब 20 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत केराकछार स्थित है, जहां रहने वाले अधिकांश ग्रामीण खेती किसानी का काम करते हैं। ग्रामीणों ने घरों में गाय और बैल भी पाला हुआ है। बताया जा रहा है कि मवेशियों को खुले में छोड़ देने से खेत में लगी फसल को नुकसान होने की आशंका बनी रहती है।

मवेशी खेत में घुसकर लहलहाती फसल को अपना निवाला बना लेते हैं। जिससे बचने ग्रामीणों ने मवेशियों को चराने दो चरवाहे की व्यवस्था की है। प्रतिदिन की तरह मंगलवार की सुबह भी चरवाहे मवेशियों को लेकर चराने जंगल गए थे। वे दोपहर करीब दो बजे ग्राम के करीब आराम कर रहे थे। थोड़ी दूर में ही मवेशी भी बैठे थे। इस बीच अचानक मौसम ने करवट ली।

तेज गरज के बूंदाबांदी होने लगी। चरवाहे मवेशियों को लेकर बस्ती की ओर ले जाते, इससे पहले ही आकाशीय बिजली गिर गयी। जिसकी चपेट में आने से 9 गाय, 7 बैल व 4 बछड़े की घटना स्थल पर ही मृत्यु हो गई, जबकि कई मवेशी झुलस गए। चरवाहे थोड़ी दूर होने के कारण सुरक्षित बच निकले। उन्होंने गांव पहुंचकर घटना की जानकारी दी। ग्रामीणों ने मौके पर पहुंचकर देखा तो मवेशी मृत पड़े थे। जिसकी सूचना पुलिस को दी गई।

रजगामार पुलिस चौकी प्रभारी मानसिंह ध्रुव अपनी टीम के साथ घटनास्थल पहुंचे। उन्होंने मौके का मुआयना करते हुए पोस्टमार्टम के लिए पशु चिकित्सा विभाग को पत्र लिखा है। घटना के दूसरे दिन आज पुलिस और राजस्व विभाग की मौजूदगी में वैधानिक कार्यवाही उपरांत मृत मवेशियों के पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पूरी की जा रही है।


मृत गौवंश से बर्बरता, करें कार्रवाई :चौरसिया
गौसेवक अनिल चौरसिया ने वज्रपात की घटना में गायों की दर्दनाक मौत पर दुख प्रकट किया है। घटना का दूसरा पक्ष यह भी है कि अज्ञात लोगों ने बर्बरता दिखाते हुए गायों का मांस एवं चमड़ा निकाला। चौरसिया ने रजगामार पुलिस से जांच व कार्रवाई की मांग की है।

ग्राम केराकछार मे गाज मारने से कई गौवंश की मृत्यु हो गई है। लगभग एक दर्जन गौवंश इस घटना में समाप्त हो गए। उनके शव यहां मिले। बाद में दूषित मानसिकता रखने वालों ने गौवंश के मृत शरीर से क्रूरता की। अनिल ने उच्च स्तर पर भी इस विषय को भिजवा दिया है।