कोरबा। कामकाज में नियंत्रण न हो और किसी भी कारण से समझौते के सिद्धांत को अपनाना पड़ जाए तो फिर आप अच्छे परिणामों की उम्मीद बिल्कुल नहीं कर सकते। काम चाहे जैसा भी हो तस्वीर नकारात्मक बनेगी ही और लोग परेशान होंगे। प्रदेश के बड़े नगर निगमों में शामिल कोरबा में मुख्य सडक़ों की दुर्दशा को देखकर ऐसा कहा जाना अतिश्योक्ति नहीं। हर इलाके की सडक़ें बेजार हैं और लोग हैं परेशान। अलग-अलग प्रकार के तर्क सडक़ों की खराबी को लेकर दिए जा रहे हैं लेकिन अब यह मामला उलझ गया है। राहत देने के लिए क्या इंतजाम होते हैं, इसके लिए बारिश की विदाई की प्रतीक्षा करने की बात की जा रही है।
नगर निगम ने कई करोड़ रुपए की राशि कुछ समय पहले ही सडक़ों के निर्माण पर खर्च की। सडक़ों को उस समय चकाचक किया गया। कोरबा में सडक़ों के मामले में इस प्रकार के प्रयोग बिल्कुल नहीं हैं। लोगों को लगता है कि यह सब दीर्घकालिक विकास के लिए हो रहा है लेकिन सडक़ों के उखडऩे से पता चल रहा है कि भ्रष्टाचार की बेल सडक़ पर चढ़ जाने के चक्कर में कुल मिलाकर मुसीबत है।
निगम कार्यालय साकेत भवन के सामने से कलेक्टोरेट, वीआईपी रोड, कोसाबाड़ी चौक, नेताजी चौक, ओपन थिएटर से लेकर महाराणा प्रताप प्रतिमा, कुआंभ_ा रिकांडो रोड, सीएसईबी मार्ग, पावर हाउस रोड और मुख्य मार्ग के इलाके में ऐसा कहीं भी नहीं हैं जहां की सडक़ें उखड़ी न हों। इनका अंदरूनी हिस्सा अब साफ नजर आ रहा है। औपचारिक रूप से सडक़ों का जो विकास किया गया था वह धूल धुसरित हो गया।
समय के साथ-साथ इनके गड्ढे अपने आकार को बढ़ा रहे हैं। दिन भी इन रास्तों पर हजारों की संख्या में दौडऩे वाले छोटे-बड़े वाहनों के दबाव से सडक़ों पर जमा हुई डस्ट तो उड़ती ही है, साथ ही सडक़ों का दूसरा हिस्सा भी चपेट में आने के साथ वातावरण को बुरी तरह से प्रदूषित कर रहा है। शहर की सडक़ों पर से होकर आवाजाही करना लोगों के लिए उनके स्वास्थ्य के लिए खतरा बनता जा रहा है।
दूसरी ओर नगर निगम ने इस मामले में ठेकेदार की गलती तो जरूर बताई है लेकिन यह भी कहा है कि इन सडक़ों पर हो रही समस्या से राहत पाने के लिए अभी इंतजार करना होगा। कहा गया कि बारिश बीतने के बाद ही सुधार संबंधी कुछ काम हो सकता है।
प्रदूषित शहर की है पहचान
कोरबा का नाम पहले ही देश के प्रदूषित शहरों में शामिल हो चुका है। कई एजेंसियों ने सर्वेक्षण करने के साथ कोरबा की रैंकिंग दूसरे प्रदूषित शहर के रूप में की है और बताया है कि यहां पर प्रदूषण का स्तर हद से ज्यादा है और यह सब यहां की आबादी और पर्यावरण के लिए खतरनाक है।
आंदोलन की दी चेतावनी
भाजपा कोसाबाड़ी मंडल ने सडक़ों की बदहाली से लोगों को हो रही परेशानी को लेकर नाराजगी जताई है। मेयर को इस बारे में ज्ञापन सौंपने के साथ कहा गया कि वे घटिया सडक़ बनाने वाले ठेकेदार पर एफआईआर दर्ज कराए वरना एक पखवाड़े बाद आंदोलन किया जाएगा।
वहीं प्रदेश के श्रम, उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन ने सडक़ों की दुर्दशा पर चिंता जताते हुए कमिश्नर को पत्र भेजा है। कहा गया कि यथाशीघ्र सडक़ों को ठीक कराएं।
Editor – Niraj Jaiswal
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