धरमजयगढ़ से कुदमुरा पहुंचा 11 हाथियों का दल

कोरबा। वनमंडल कोरबा के कुदमुरा रेंज में 11 हाथियों के दल ने एक बार फिर दस्तक दे दिया है। धरमजयगढ़ क्षेत्र से हाथियों का यह दल कल शाम को वनपरिक्षेत्र की सीमा पर प्रवेश किया और जंगल ही जंगल होते हुए कुदमुरा बीट पहुंच गया। यहां जंगल में कुछ देर विश्राम करने के बाद रात को आगे बढ़ा और करतला वनपरिक्षेत्र के कलगामार पहुंच गया।

यहां जंगल में रात भर विचरण करता रहा और सुबह होने से पहले वापस कुदमुरा पहुंचकर जंगल में डेरा डाल दिया। बड़ी संख्या में हाथियों के पहुंचने से क्षेत्र में दहशत का माहौल है।


वन अमला सर्तक हो गया है कुदमुरा व आसपास के गांव में मुनादी कराकर ग्रामीणों को सर्तक किया जा रहा है। इस बीच खोडरी व खैरभावना में तीन महिलाओं को मौत की नींद सुलाने वाला खतरनाक लोनर हाथी पंतोरा के पास छाता जंगल में डेरा डाला हुआ है।

जिसकी निगरानी वन अमले द्वारा चारों ओर से की जा रही है। लोनर के कोरबा जिले में फिर आने की संभावना है इसे देखते हुए विशेष सर्तकता बरती जा रही है। उधर कटघोरा वन मंडल के जटगा, पसान एतमा नगर व केंदई रेंज में हाथियों की लगातार सक्रियता बनीं हुई है। जटगा रेंज के मुकुवा जंगल में दस हाथी एक माह से जमे हुए है।

जबकि केंंदई रेंज के कापा नवापारा में 20 हाथियों की उपस्थिति कई दिनों से कायम है। एतमा नगर रेंज के गुरसिया परिसर में 24 हाथियों की मौजूदगी से खरता बना हुआ है। हाथियों का यह दल बस्ती में घुस गया था और उत्पात मचा कर दहशत फैलाने की कोशिश में लगा था।


सूचना मिलने पर वन अमला मौके पर पहुंचा और हाथियों को खदेडऩे की कार्रवाई की। इस दौरान हाथियों ने एक दो घरों को आंशिक नुकसान पहुंचा दिया। जबकि पसान रेंज के तरईमार व आसपास के गांवों में उत्पात मचाकर ग्रामीणों के नाक में दम कर देने वाले दो दंतैल हाथी सेन्हा के रास्ते हरदेवा पहुंच गया है। दंतैल हाथियों ने सेन्हा गांव में एक ग्रामीण के मकान को निशाना बनाते हुए ढहा दिया।