कोरबा में दर्री नहर से खेतों के लिए छोड़ा पानी:अच्छी फसल के लिए किसानों में चिंता, जिले में औसतन 309.5 मिलीमीटर बारिश दर्ज

कोरबा शहर में बारिश नहीं होने से दर्री हसदेव बैराज के एक गेट से 2800 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। मौजूदा सीजन में किसानों को उनकी सुविधा के लिए जल संसाधन विभाग ने हसदेव बैराज से नहर में 2800 क्यूसेक पानी प्रवाहित किया है। बैराज के एक गेट को तीन फीट खोल कर यह सुविधा दी गई है।

दरअसल, काफी दिनों से बारिश नहीं होने के कारण खेतों में समस्या हो रही थी और किसानों ने इस पर चिंता जताई। किसानों की मानें तो कुछ दिन पहले हुई लगातार बारिश के बाद खेती किसानी तो शुरू हो गई। वहीं खेतों में धन भी बोए गए, लेकिन सही समय पर पानी नहीं मिलने से फसल नुकसान हो सकता है। ठीक से अंकुर भी नहीं आए हैं इसलिए अभी वर्तमान में पानी की जरूरत है।

रविवार की सुबह से ही छाई बदली

वहीं रविवार की सुबह से ही बदली छाई रही। तापमान 2 डिग्री बढ़कर 33 पर पहुंच गया। न्यूनतम तापमान के 26 डिग्री पर पहुंचने से उमस भरी गर्मी से लोगों को राहत नहीं मिल रही है। पिछले कई दिनों से मौसम का मिजाज बदला हुआ है। बदली तो छा रही है लेकिन बारिश नहीं हो रही है। इसी वजह से तापमान में भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है।

जिले में औसतन 309.5 मिलीमीटर बारिश दर्ज

दोपहर होते ही धूप के साथ हल्की बूंदाबांदी होने लगती है जिससे लोगों को भारी उमस का सामना करना पड़ता है। ग्रामीण क्षेत्रों में भी कहीं हल्की और कहीं तेज बारिश हुई है। पिछले 24 घंटे में 9.6 मिलीमीटर औसत बारिश रिकॉर्ड की गई है। जिले में औसत से 19% अधिक बारिश हुई है। अब तक 368.8 मिलीमीटर औसत बारिश हो चुकी है। जिले का औसतन बारिश 309.5 मिलीमीटर दर्ज है।


अच्छी खेती के लिए दर्री डैम से मिलता है किसानों को पानी

बता दें कि कोरबा दर्री डैम से पानी छोड़े जाने के बाद नहर के माध्यम से आसपास के जिलों में किसानों को पानी मिलता है और अच्छी खेती होती है। जांजगीर-चांपा और सक्ति जिले के किसानों को भी दर्री डैम से पानी छोड़े जाने से फायदा मिलता है।