जांजगीर – चांपा । नैला का प्रतीक्षा बस स्टैंड लाखों रुपये खर्च करने के बाद भी कौड़ी काम का नहीं है। लोकार्पण के 13 साल बाद भी यहां एक बस तक नहीं रूकती है। देखरेख के अभाव और उपयोग नहीं होने के कारण जर्जर होते पड़ा हुआ है। शासन की राशि का किस तरह दुरूपयोग होता है इसका यह एक जीवंत उदाहरण है। बलौदा और पहरिया क्षेत्र के लोग अब भी रेलवे स्टेशन व सड़क किनारे खड़े होकर बसों का इंतजार करते हैं।
नगर पालिका द्वारा कई योजनाओं में लाखों करोड़ों खर्च के बाद भी योजनाओं का उचित लाभ लोगों को नहीं मिल पा रही है। बिना किसी कार्य योजना के सरकार की राशि का दुरूपयोग करने में नगर पालिका जांजगीर-नैला का जबाव नहीं है। पालिका क्षेत्र में ऐसे कई काम हैं जो राशि के अभाव में अधूरे पड़े हुए हैं तो कई पूरा होने के बाद भी लोगों के लिए अनुपयोगी हैं। यात्री सुविधा के लिए नैला में प्रतीक्षा बस स्टैंड का निर्माण किया गया है।
लंबे समय से खाली पड़े होने से आसपास के लोगों के लिए यह शौचालय बन गया है। कुछ समय तक सीटी बसों की परिचालन के लिए टर्मिनल बनाया गया था तब तक इसकी स्थिति ठीक थी मगर सिटी बस का परिचालन बंद होने के बाद अब कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। अब यहां न तो मार्ग में आवागमन करने वाली यात्री गाड़ियां पहुंच रही है और न ही आबंटित दुकानें खुल रही है।
यहां रखी गई सिटी बसों को भी असामाजिक तत्वों ने आग के हवाले कर दिया था। इतना ही नहीं सिटी बसों के पाटर्स को भी चोरी कर ले गए। आबंटन के बाद भी नहीं खुली दुकानें साथ ही प्रतीक्षा बस स्टैंड के साथ ही यहां लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए 14 दुकानों का निर्माण भी किया गया था जिसमें से 11 दुकानों का आबंटन भी किया गया था। मगर नगर पालिका के जिम्मेदार अधिकारी व जनप्रतिनिधियों की निष्क्रियता और जिला प्रशासन की अनदेखी के कारण लाखों रुपये खर्च कर बनाया गया बस स्टैंड बेकार पड़े पड़े जर्जर हो गया।
अव्यवस्था व गंदगी के कारण दुकानों का संचालन नहीं होपाया। दुकानों के शटर आज तक नहीं खुले। असामाजिक तत्वों का बना अड्डा शाम होते ही प्रतीक्षा बस स्टैंड के आसपास असामाजिक तत्वों व नशेड़ियों का जमावड़ा लगना शुरू हो जाता है। सुरक्षा के अभाव के कारण वे यहां जम कर उत्पात मचाते हैं और लोहे के सामानों को चोरी कर बेंच देते हैं।
दूसरी तरफ स्टैण्ड की पिछले तरफ की दीवार को भी असामाजिक तत्वों ने तोड़ दिया है। नगर पालिका के जिम्मेदारों के द्वारा प्रतीक्षा बस स्टैंड की देखरेख के तरफ कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है जिसके चलते लाखों खर्च कर बनाया गया यह स्टैंड खंडहर हो रहा है। पालिका के कई काम अब भी अधूरे लोगों की सुविधाओं के लिए पालिका द्वारा विभिन्न् योजनाओं के तहत किए गए कई काम अब भी अधूरे हैं। वहीं कई योजनाएं फेल हो चुकी है।
35 करोड़ की लागत की जल आवर्धन योजना के काम डेढ़ साल से बंद हैं। नगर के उद्यानों व तालाबों के सुंदरीकरण सहित कई वार्डों में विकास कार्य अब भी ठप हैं। पेण्ड्री गांव की जमीन पर बना एसएलआरएम सेंटर, कचहरी चौक, नया बस स्टैंड में लगाए गए वाटर एटीएम, फुटकर व्यवसाय को बढावा देने बनाई गई पौनी पसारी, सिटी बस स्टापेज, भीमा तालाब में मोटर बोटिंग, बुधवारी बाजार का चबूतरा लाखों करोड़ों खर्च करने के बाद भी बेकार पड़े हैं।
13 साल पहले 50 लाख रुपए खर्च कर नैला में प्रतीक्षा बस स्टैंड बनाया गया था। प्रतीक्षा बस स्टैंड का लोकार्पण तत्कालीन सांसद कमलादेवी पाटले की अध्यक्षता व तत्कालीन विधानसभा उपाध्यक्ष नारायण चंदेल के मुख्य आतिथ्य में हुआ था। निर्माण के बाद पालिका द्वारा उचित देख रेख के अभाव में आज प्रतीक्षा बस स्टैंड जर्जर हो चुका है। यहां बने कमरों में लगे लोहे की चौखट व खिड़कियों चोरी हो चुकी है। इसी प्रकार यहां बने सुलभ शौचालय भी जर्जर हो गया है और इसके दरवाजे चौखट असामाजिक तत्वों की भेंट चढ़ चुके हैं।
Editor – Niraj Jaiswal
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