बिलासपुर। अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय परीक्षा विभाग ने एक बार फिर मूल्यांकन में बाजी मार ली है। प्रदेश में सबसे पहले बीएड प्रथम एवं द्वितीय वर्ष का रिजल्ट घोषित कर दिया है। 90 फीसद से अधिक प्रशिक्षार्थियों ने सफलता अर्जित की है। इसका लाभ अब प्रशिक्षार्थियों को स्कूलों में होने वाली भर्ती में मिल सकता है। वहीं बेटियों को इससे कई अतिरिक्त लाभ भी होंगे, जो उनके लिए कारगर साबित होगा।
अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय से संबद्ध सभी कालेजों में मुख्य परीक्षा समाप्त हो चुकी है और अब युद्धस्तर पर मूल्यांकन का कार्य चल रहा है।
विश्वविद्यालय प्रशासन के अथक प्रयासों से 14 विषयों के परिणाम जारी हो चुके हैं। बीएड प्रथम और द्वितीय वर्ष का परिणाम प्रदेश में सबसे पहले घोषित किया गया है, जिसमें 90 प्रतिशत से अधिक विद्यार्थी सफल हुए हैं।
परीक्षाओं के सफल आयोजन और त्वरित मूल्यांकन के पीछे परीक्षा विभाग के सभी अधिकारी एवं कर्मचारियों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। उन्होंने दो महीनों में दिन-रात मेहनत करके परीक्षाओं को सुचारू रूप से संपन्न कराया। विश्वविद्यालय के प्रशासनिक तंत्र ने परीक्षा के समय में सभी आवश्यक व्यवस्थाओं को सुनिश्चित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। परीक्षा प्रभारी रामेश्वर राठौर की मानें तो जून के अंत तक अन्य शेष विषयों के परिणाम भी आ जाएंगे। बीएड में इस साल लगभग 4000 से अधिक प्रशिक्षार्थी शामिल हुए थे।
युवाओं को मिले लाभ, यही लक्ष्य: डा.दीवान
परीक्षा नियंत्रक डा तरुण धर दीवान का कहना था कि यह इतना आसान नहीं था। हमें इसके लिए काफी मेहनत करनी पड़ी। कुलपति के मार्गदर्शन में मूल्यांकन कार्य संपन्न कराया। प्रदेश में अभी तक किसी अन्य विश्वविद्यालय में बीएड का परिणाम नहीं आया है। युवाओं को लाभ मिले,यही लक्ष्य है। मूल्यांकन कार्य में लगे शिक्षकों और प्रशासनिक कर्मचारियों ने पूरी निष्ठा और तत्परता के साथ कार्य किया है, ताकि विद्यार्थियों को समय पर परिणाम मिल सके।
व्यापक व्यवस्था
परीक्षाओं के दौरान 72 परीक्षा केंद्रों पर परीक्षाएं आयोजित की गईं। 1.21 लाख परीक्षार्थियों ने परीक्षा में भाग लिया। परीक्षा केंद्रों पर सुरक्षा और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए 03 उड़नदस्ता और 01 महिला उड़नदस्ता तैनात किए गए थे। इसके अलावा, परीक्षा के सुचारू संचालन के लिए एक टास्क फोर्स ग्रुप भी गठित किया गया था। विश्वविद्यालय प्रशासन का यह प्रयास विद्यार्थियों के शैक्षिक भविष्य को संवारने में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।
बेटियों के लिए इसलिए महत्वपूर्ण
जल्दी रिजल्ट आने से छात्राओं को सुरक्षित और संरक्षित माहौल में रहने का अवसर मिलेगा, खासकर यदि वे दूरदराज के क्षेत्रों में पढ़ाई कर रही हैं।
छात्राओं को अपने करियर के निर्णय लेने में सशक्त महसूस होता है, जिससे उनका आत्मविश्वास बढ़ता है।
कई छात्राओं पर जल्दी विवाह का दबाव होता है। जल्दी रिजल्ट आने से वे शिक्षा और करियर को प्राथमिकता देकर ऐसे सामाजिक दबावों से बच सकेंगी।
छात्राओं को अपने परिवार से समय पर समर्थन और मार्गदर्शन मिल सकेगा, जो उनके भविष्य की योजना में सहायक हो सकता है।
छात्राओं को रोजगार के अधिक अवसर मिलेगा, जिससे वे आर्थिक रूप से स्वतंत्र हो सकती हैं और अपने परिवार की आर्थिक स्थिति में योगदान कर सकती हैं।
सफल छात्राएं अपने समुदाय में अन्य लड़कियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन सकेंगी, जिससे समाज में लड़कियों की शिक्षा के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित होगा।
परीक्षा और मूल्यांकन कार्य के सफल संचालन के लिए सभी संबंधित अधिकारियों, शिक्षकों और कर्मचारियों की मेहनत का परिणाम है। विद्यार्थियों के हित को सर्वोपरि रखते हुए सभी व्यवस्थाओं को प्राथमिकता दी है। मूल्यांकन कार्य के दौरान गुणवत्ता और निष्पक्षता बनाए रखने पर विशेष ध्यान दिया गया है।
-आचार्य अरुण दिवाकर नाथ वाजपेयी कुलपति, अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय
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