अपनी जान हथेली पर रखकर कॉलेज पहुंचते हैं विद्यार्थी, प्रोफेसर समेत करीब 80 टीचरों का स्टॉफ भी परेशान

कोरबा :रूमगरा से बालको जाने वाले इस रास्ते पर शासकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज संचालित है। यहां प्रोफेसर समेत करीब 80 स्टॉफ हैं। इसके अलावा करीब 400 से अधिक विद्याथी यहां पढ़ाई करते हैं। कॉलेज प्रबंधन भी बालको मैनेजमेंट के कुप्रबंधन का शिकार हैं। दरअसल बालको मैनेजमेंट द्वारा कोयला परिवहन में लगी ट्रकों के पार्किंग के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई है। सड़क पर ही सैकड़ों ट्रकों को खड़ा कर दिया जाता है। जिससे कॉलेज परिसर में प्रवेश कर पाना मुश्किल हो जाता है। जाम के कारण प्रोफेसर विलंब से कॉलेज पहुंचते हैं, जिससे पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है।


प्रोसेफर अश्वनी सिधार ने बताया कि इस मार्ग काफी समय से परेशानी बनी हुई है वाहनों के लंबी कतार के चलते लोगो की जान जाने का डर तो बना रहता है वही कई बच्चे पेपर से भी वंचित हो रहे हैं। हर 6 माह में पेपर हो रहा है, जहां अलग-अलग जगह से आते हैं। ऐसे में वो ज्यादा मुसीबत में फंस जाते हैं। 800 मीटर की दूरी तय करने में कई बार एक घंटों लग जाते हैं। प्रोफेसर जगरानी तिर्की ने बताया कि कई बार जिला प्रशासन को पत्रचार किया गया है, लेकिन कोई ध्यान नहीं है। ऐसे में कोई बड़ी दुर्घटना हो सकती है।


अपको बता दें कि जाम लगने की वजह से आये दिन हादसे होते हैं। कुछ माह के भीतर 6 से अधिक राहगीरों की सड़क दुर्घटना में मौत हो चुकी है। यही वजह है कि लोग इस रास्ते पर चलने से डरते हैं। विद्याथी और स्टाफ को हर रोज अपनी जान जोखिम में डालना पड़ता है। इस संबंध में कई बार जिम्मेदार अफसरों से मदद की गुहार लगाई गई्र, मगर हालात जस का तस का है।

सड़क पर 24 घंटे भारी वाहनों का दबाव रहता है। प्रशासनिक अफसरों के साथ ही मंत्री भी जाम में फस चुके हैं, ऐसी नौबत आने पर यातायात पुलिस और परिवहन विभाग के अधिकारी सड़क पर उतर कर जाम हटाने में लग जाते हैं।

बालको मैनेजमेंट को भी फटकार लगाई जाती है मगर जब आमआदमी इस जाम के बीच फंसता है तो जिम्मेदार आंख मूंद लेते हैं। अब देखना होगा कि राहगीरों की समस्या का समाधान कब होता है।